बुद्ध पूर्णिमा 2023 पर चंद्र ग्रहण : कब, क्यों, कैसे, कहां और कितनी देर जानिए हर सवाल का जवाब

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Lunar Eclipse in 2023 in Hindi: 20 अप्रैल 2023 को सूर्य ग्रहण था और अब चंद्र ग्रहण होने वाला है। इसी दिन बुध पूर्णिमा भी रहेगी। सूर्य ग्रहण से जहां धरती पर का जीवन प्रभावित होता है, वहीं चंद्र ग्रहण से समुद्र और समुद्र क्षेत्र का जीवन प्रभावित होता है। आओ जानते हैं कि इस बार के चंद्र ग्रहण को क्या कहा जा रहा है? कब होगा, कहां होगा और कितनी देर तक इसका प्रभाव रहेगा।
 
क्या, क्यों और कैसे होता है चंद्र ग्रहण | what is lunar eclipse: चंद्रमा जब धरती की छाया से ढक जाता है तो उसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। धरती सूर्य का सीधा और चंद्रमा धरती का उल्टा चक्कर लगा रहा है। जब चंद्रमा और सूर्य के बीच धरती आ जाती है तो धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है जिससे चंद्रमा दिखाई देना बंद हो जाता है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं।
चंद्र ग्रहण कब है?
5 मई 2023 शुक्रवार के दिन रात्रि 8:45 पर पहला चंद्र ग्रहण लगेगा जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा।
 
कितनी देर तक रहेगा इसका असर:
चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पूर्व इसका सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। 
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर।
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर।
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे।
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
उपच्छाया चंद्रग्रहण का परिमाण- 0.95
 
कहां दिखाई देगा | chandra grahan kahan kahan lag raha hai : एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, पूर्वी अमेरिका, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अटलान्टिक महासागर एवं अन्टार्कटिका में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण को बिना किसी टेलिस्कोप या उपकरण के देख सकते हैं।

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