भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर उमाशंकर गुप्ता पर कैसे भारी पड़ गए भगवान दास सबनानी?

विकास सिंह

शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (17:55 IST)
भोपाल। राजधानी भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से भाजपा ने पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता की जगह प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी को अपना उम्मीदवार बनाया है। भगवान दास  सबनानी हुजूर विधानसभा सीट से भी टिकट के दावेदार थे लेकिन भाजपा ने हुजूर से वर्तमान विधायक रामेश्वर शर्मा को ही टिकट दिया है।

टिकट का एलान होते ही भगवान दास सबनानी छोला स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर पहुंचकर बजरंग बली का आशीर्वाद लिया। भगवान दास सबनानी संघ की पंसद के नेता माने जाते है औऱ पार्टी ने कर्मचारी वोटर्स के बाहुल्य वाली सीट से कांग्रेस के वर्तमान विधायक पीसी शर्मा के सामने चुनावी मैदान में उतारा है।

भगवानदास सबनानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद है। वे पिछले 25 सालों से लव जिहाद को लेकर न केवल भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश में काम कर रहे हैं। संघ के इस प्रकल्प पर लगातार काम करने का उन्हें इनाम मिला है। सबनानी को कर्मचारी बहुल भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट से टिकट देकर संघ परिवार और भाजपा ने यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि उसका फोकस हिंदुत्व पर है।

भगवान दास सबनानी का सियासी सफर-1986 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के टिकट पर कैरियर कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए सबनानी भारतीय जनता युवा मोर्चा भोपाल के महामंत्री, भारतीय जनता पार्टी भोपाल के महामंत्री और जिला अध्यक्ष रहे हैं। वर्तमान में वह प्रदेश भाजपा के महामंत्री व कार्यालय प्रभारी की महत्पूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह सामाजिक क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं और संघ की अनुषांगिक सिंधु महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री भी हैं।

सबनानी संयुक्त भोपाल दक्षिण सीट के प्रमुख हिस्से बरखेड़ी जहांगीराबाद के मूल निवासी हैं। हिंदू उत्सव समिति और नए भोपाल में काम कर रही नवयुग हिंदू उत्सव समिति के वह संरक्षक हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन से वह शुरुआती दौर से जुड़े हैं और दो बार अयोध्या में आयोजित कार सेवा में भाग लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शुरुआती दौर के साथी है चौहान जब युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे तो सबनानी भोपाल युवा मोर्चा के जिला महामंत्री थे।

मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक के स्वागत में देश में पहला कार्यक्रम सबनानी ने ही भोपाल में आयोजित किया था। हिंदुत्व के चेहरे माने  जाने वाले  लगभग 35 वर्षों से अधिक समय से राजधानी समेत पूरे प्रदेश में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से हिंदू समाज को एकजुट करने के काम में लगे हैं। 

 

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