History of Assembly Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के 1957 से 2018 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो सर्वाधिक 8 बार इस क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने विजयश्री हासिल की है, जबकि भाजपा के टिकट पर 4 बार उम्मीदवार जीतने में सफल रहे हैं। हालांकि जनता पार्टी की जीत को भी जोड़ लिया जाए तो भगवा पार्टी यहां से 5 बार जीतने में सफल रही है। एक बार यहां से सोशलिस्ट पार्टी का उम्मीदवार भी चुनाव जीत चुका है, लेकिन ज्यादा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रहा है।
वर्तमान में यह सीट भाजपा के पास है। इस बार दोनों ही पार्टियों ने इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवारों- दीपक जोशी 'पिंटू' (कांग्रेस) और राकेश शुक्ला 'गोलू' (भाजपा) को मैदान में उतारा है। दोनों ही ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। दोनों के बीच अच्छी टक्कर मानी जा रही है।
मिश्रीलाल गंगवाल बने थे पहले विधायक : इस सीट पर 1957 में कांग्रेस के मिश्रीलाल गंगवाल ने पहले चुनाव में जनसंघ के उत्सव चंद्र को 10 हजार 500 से ज्यादा वोटों से हराया था। इस क्षेत्र की यह तीसरी बड़ी जीत थी। वहीं, भाजपा की उषा ठाकुर ने 2013 में कांग्रेस के अश्विन जोशी को 13000 से ज्यादा वोटों से पराजित कर सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। दूसरी सबसे बड़ी जनता पार्टी के प्रत्याशी राजेन्द्र धारकर की थी, उन्होंने कांग्रेस के नारायण प्रसाद शुक्ला को 11 हजार 300 से ज्यादा वोटों से हराया था।
सबसे ज्यादा बार जोशी बने विधायक : इस सीट पर सबसे ज्यादा तीन बार कांग्रेस के अश्विन जोशी विधायक बने, जबकि मिश्री लाल गंगवाल (कांग्रेस), महेश जोशी (कांग्रेस) और गोपीकृष्ण नेमा (भाजपा) दो-दो बार विधायक बने। सोशलिस्ट पार्टी के कल्याण जैन भी इस सीट पर 1967 में चुनाव जीते। 1985 में इस सीट पर लोकसभा अध्यक्ष रहीं और लंबे समय तक लोकसभा का चुनाव जीतने वाली सुमित्रा महाजन को हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस के चंद्रप्रभाष शेखर, जनता पार्टी के राजेन्द्र धारकर, भाजपा की उषा ठाकुर एवं भाजपा के ही आकाश विजयवर्गीय इस सीट से एक-एक बार विधायक रहे। इस क्षेत्र में सबसे कम वोटों से जीतने का रिकॉर्ड अश्विन जोशी के नाम है। उन्होंने 2008 में भाजपा के गोपीकृष्ण नेमा को 402 वोटों से हराया था।
2003 में हुई सबसे ज्यादा वोटिंग : जहां तक सर्वाधिक वोट प्रतिशत की बात है तो 2003 में 71.81 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 1993 में 71.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। सबसे कम 53.31 फीसदी वोटिंग 1985 में हुई थी। इस चुनाव में कांग्रेस के महेश जोशी ने भाजपा की सुमित्रा महाजन को 5000 से ज्यादा वोटों से हराया था।
क्या कहते हैं उम्मीदवार :
भाजपा प्रत्याशी गोलू शुक्ला ने कहा कि इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 में कोई भी समस्या नहीं है। ट्रैफिक को लेकर थोड़ी समस्या है, उसको भी हम जल्द ही ठीक करेंगे। भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। पूरे इंदौर शहर में विकास हुआ है।
कांग्रेस प्रत्याशी पिंटू जोशी ने वेबदुनिया से कहा कि क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। कई इलाकों में पानी, सड़क और ड्रेनज की समस्याएं हैं। भ्रष्टाचार और महंगाई भी सबसे बड़े चुनावी मुद्दे हैं।