भोपाल। कांग्रेस के भाजपा सरकार के आरोप पत्र को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया है। वीडी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि कमलनाथ ने आज खुद को 2023 को मॉडल बताया है, वह 2023 के मॉडल तो नहीं, 1984 के सिक्ख दंगों के मॉडल जरुर हैं। कमलनाथ देश की ख़ुफ़िया जानकारी लीक करने के गद्दारी के मॉडल जरूर हैं।
वीडी शर्मा ने कहा कि 15 महीने प्रदेश में रही कांग्रेस सरकार दिग्विजय सिंह के इशारों पर चल रही थी, जिसमें भाजपा सरकार की जनहितैषी सारी योजनाएं बंद कर दी गई और कमलनाथ गरीबों के हक और अधिकार छीनने के मॉडल बने।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस का आरोप पत्र झूठ पत्र है। कांग्रेस के नेता इतने डरे और सहमे हुए हैं कि आरोप पत्र में किसी भी कांग्रेस नेता का फोटो तक नहीं है और न यह जानकारी है कि आरोप पत्र किसने जारी किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ आज भाजपा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर रहे है तो ग्वालियर में प्रियंका गांधी के हाथों उन्होंने जो आरोप पत्र जारी करवाया था वह क्या था ? उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि करप्शननाथ ने आज आरोप पत्र जारी करके फिर से जनता और मीडिया को भ्रमित किया है। कांग्रेस का आरोप पत्र झूठ का पुलिंदा है।
उन्होंने कहा कि कहा कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहचान करप्शननाथ के रूप में होती है। कमलनाथ जब मुख्यमंत्री रहे तब उन्होंने 15 महीने की सरकार में लगभग 15 हजार करोड़ के घोटाले किए। कांग्रेस घोटालों की जननी और करप्शन की दुकान है। कमलनाथ उसी परंपरा का निर्वाह करने वाले नेता हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब जनता ने देखा है कि कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, निजी सचिव आरके मिगलानी और भांजे रतुल पुरी सहित उनके चहेतों के घर और दफ्तरों में छापे की कार्यवाही हुई, जिसमें तकरीबन 281 करोड़ रूपए की गडबड़ी पाई गई थी। कमलनाथ के भतीजे की कंपनी पर छापेमारी में 1350 करोड रूपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी गई। इतना ही नहीं आगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदी मामले की दलाली में भी कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी का नाम उजागर हुआ, जिसमे 7 हजार 600 करोड़ और 780 करोड़ के घोटाले सामने आए।
कमलनाथ आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर झूठा आरोप पत्र जारी कर रहे हैं, जबकि उन्होंने प्रदेश के किसानों के साथ कर्जमाफी का छल किया। विधानसभा चुनाव के पहले कर्जमाफी का वादा करते रहे और जब सरकार बनी तो किसान कर्जमाफी के नाम पर 2 हजार करोड़ का घोटाला किया, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को कर्जमाफी के बदले डिफाल्टर होना पड़ा। कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों की लिस्ट में फर्जी नाम शामिल कर पैसों की बंदरबाट की। श्री शर्मा ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार घोटालों और ट्रांसफर उद्योग की उपलब्धियों से भरी रही। 165 दिनों में ही कमलनाथ सरकार ने 450 से अधिक आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए थे, इसके अलावा निचले स्तर तक ट्रांसफर किए। इतना ही नहीं इस ट्रांसफर घोटाले में कई अधिकारियों का 3 से 4 बार ट्रांसफर कर दिया। कमलनाथ सरकार में नया ट्रांसफर उद्योग चला।