चिल्लर की तंगी बताकर ग्राहक को सस्ती टॉफियाँ देने वाले दुकानदारों या रेस्तराँ संचालकों के लिए यह एक सबक हो सकता है कि उन्हें भुगतान के रूप में भी वही टॉफियाँ थमा दी जाएँ।
प्रदेश के सतना में इंडियन कॉफी हाउस में प्रतिदिन जाने वाले बीटेक के छात्र शनिल को प्रबंधक चिल्लर के बदले टॉफियाँ थमा देता था। गुरुवार को नाश्ते के बाद शनिल ने जब 42 रुपए का भुगतान वहीं से ही मिली 32 टॉफियों व 10 रु. देकर किया तो प्रबंधक मुँह देखता रह गया!