हम तो चले अपने देस

शनिवार, 14 मार्च 2009 (11:01 IST)
मध्यप्रदेश के शिवपुरी में माधव राष्ट्रीय उद्यान की सख्या सागर झील पर शरदकाल से डेरा डाले प्रवासी परिंदे ग्रीष्मऋतु के आगाज के साथ ही यहाँ से अपने देशों की ओर उड़ान भरने लगे हैं।

लगता है ये पंछी यहाँ होली मनाकर लौट रहे हैं। ये विदेशी मेहमान शरद ऋतु में हजारों मील दूर देश साइबेरिया, जार्जिया, रूस आदि में बर्फ जमने से सर्दी बिताने के लिए यहाँ आते हैं।

यहाँ उन्हें मनमाफिक आहार भी मिल जाता है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही ये अपने वतन लौटने लगते हैं। करीब चार माह तक ये पक्षी संख्या सागर झील पर डेरा जमाए रहे। पूरी झील रंग-बिरंगे पक्षियों के कलरव और प्रणय नृत्य से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाती है। लौटते समय इन पक्षियों के साथ उनके बच्चे भी जुड़ जाते हैं।

कौन-कौन से मेहमान : विदेशी पक्षियों में स्पूनबिल, हवासिल साइबेरिया, डक, कलीम, लालसर, पनबिल, क्रूज आदि शामिल हैं। यहाँ पक्षियों को उथला पानी मिल जाता है। वे अपना आहार आसानी से ढूँढ लेते हैं। इसी वजह से सख्या सागर झील पक्षियों की सैरगाह और शरणस्थली बन गई है।

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