मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में आवासहीनों को आवास उपलब्ध करवाने के लिए एक नई और समन्वित आवास योजना तैयार की जा रही है।
चौहान ने कहा कि बढ़ती आबादी आवासहीनों की संख्या में भी वृद्वि कर रही है, इसलिए आबादी पर नियंत्रण करने पर ही आश्रय का अधिकार लोगों को देना संभव होगा। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर आयोजित संगोष्ठि आश्रय का अधिकार को संबोधित कर रहे थे।
चौहान ने कहा कि राज्य में भू-माफियाओं की अवैध गतिविधियों पर भी उनकी नजर है, इन्हें बख्शा नहीं जाएगा। गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा अपने सदस्यों के साथ किए गए फर्जीवाड़े की जाँच की जा रही है और पात्र सदस्यों को उनका अधिकार दिलाया जाएगा।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस ए.आर. लक्ष्मणन ने कहा कि अन्य मूल अधिकारों के समान आश्रय भी मनुष्य का मूलभूत अधिकार है।
उन्होंने सुझाव दिया कि गरीब परिवारों कोआवास उपलब्ध करवाने के लिये शिक्षा के समान अधिकार दिया जाना चाहिए। संगोष्ठी को विशिष्ट अतिथि और राज्य के नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री बाबूलाल गौर ने भी संबोधित किया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष डी.एम. धर्माधिकारी ने कहा कि आश्रय के अधिकार के बगैर बाकी सभी मानव अधिकार बेमानी है।