मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने कहा है कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने उन्हें भोपाल से लोकसभा टिकट दिए जाने का कभी विरोध नहीं किया।
भोपाल से पहली बार 2004 में लोकसभा का चुनाव जीतने वाले जोशी ने आज कहा कि उनका नाम तय होने से बहुत पहले ही सुषमा ने उनसे कह दिया था कि वे भोपाल से उनकी उम्मीदवारी का विरोध नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने उनका नाम तय कर लिया तब सुषमा ने उन्हें भोपाल के लिए उम्मीदवार चुने जाने पर बधाई भी दी थी।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने सुषमा से कहा कि उन्हें टिकट मिलने के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है पर सुषमा ने बताया कि वे उस बैठक में खुद मौजूद थीं जहाँ पर उनके नाम को अंतिम रूप दिया गया था। जोशी ने कहा कि उनकी नजरों में इसे सुषमा के बड़प्पन के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता और वे इसके लिए सदैव उनके आभारी रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भाजपा को बता दिया था कि वे भोपाल से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं पर यदि पार्टी वहाँ से सुषमा या किसी और को टिकट देती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि उनके टिकट की घोषणा से पहले वे नई दिल्ली में संसद सत्र में भाग ले रहे थे और उन्हें इस बात की जानकारी थी कि भोपाल के मीडिया में छपी खबरों के अनुसार उनका टिकट कट चुका है।
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की संभावनाओं के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी ने जो प्रदर्शन पिछले नवम्बर के विधानसभा चुनाव में किया था उसको दोहराया जा सकता है।
जोशी ने कहा कि उस चुनाव के परिणामों के अनुसार भाजपा 24 लोकसभा क्षेत्रों में जीती थी इसलिए उसे कम से कम 24 सीटें तो मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह परिणाम केवल एक ही सूरत में बदल सकते हैं यदि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए कुछ सशक्त उम्मीदवार मैदान में उतारे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव से कतरा रहे हैं।
जब जोशी से उनके चुनाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ मतदान की तिथि की घोषणा हुई है, चुनाव के कार्यक्रम के बारे में अभी तक कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा कि नामांकन भरने की तारीख की घोषणा के बाद ही वे चुनाव संबंधी कार्य शुरू करेंगे।