मप्र हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश के तहत संविधान की पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले प्रदेश के समस्त क्षेत्रों में नगर पालिका चुनाव पर रोक लगा दी है।
यह रोक तब तक प्रभावी रहेगी, जब तक कि संविधान के अनुच्छेद 243-जेडसी के क्लॉज-3 के तहत देश की संसद नगर पालिका अधिनियम को आवश्यक संशोधनों सहित लागू व विस्तारित करने का कानून पारित नहीं करती।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता अशोक त्रिपाठी का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी ने रखा। दलील दी कि मप्र नगर पालिका अधिनियम-1961 की धारा 1 (2) की संवैधानिक वैधता चुनौती के योग्य है।