महेश्वर में देखें प्रकृति के नजारे!

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ठंड की शुरुआत में प्राकृतिक खूबसूरती वाले ऐतिहासिक स्थान पर घूमने का मौका मिले तो फिर बात ही क्या? छुट्टी केवल एक दिन की हो तो हरियाली, पानी, प्रकृति और ऐतिहासिक धरोहर का एक साथ मजा लेने के लिए महेश्वर एक बेहतर मुकाम है।

महेश्वर का धार्मिक महत्व तो जगजाहिर है ही, लेकिन पर्यटन के लिहाज से यहां का किला और ऐतिहासिक घाट भी खासा महत्व रखते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हमने मप्र पर्यटन विकास निगम की 'केरवैन टूरिज्म' टैक्सी यानी चलते-फिरते घर से महेश्वर की यात्रा की।

इंदौर से व्हाया मानपुर, धामनोद 90 किमी चलने के बाद करीब 2 घंटे 15 मिनट में महेश्वर पहुंचे। निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक विवेक माथुर ने बताया कि वहां रुकने और ठहरने के लिए पर्यटन विकास निगम द्वारा आरामदायक और रियायती सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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पर्यटन विकास निगम, महेश्वर के डिप्टी जनरल मैनेजर अनिल सक्सेना ने बताया कि यूं तो यहां साल भर देसी-विदेशी पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन छुट्टियों में ज्यादा भीड़ होती है। सप्ताह के आखिरी दिनों के साथ ही स्कूलों की छुट्टियों के मौके पर खासी रौनक रहती है।

महेश्वर का किला, सहस्त्रधारा और घाट के साथ काफी कुछ घूमने को है। हैंडलूम प्रोडक्ट्स को लेकर यहां का नाम खास है। राज राजेश्वर भी खास है।

मान्यता है कि यहां घी के 11 दीपक (नंदा दीपक) 1100 साल से जल रहे हैं। इन सबके बावजूद बोटिंग करना आपका यहां आना सफल कर देता है। नर्मदा की लहरों पर बोटिंग करने का अलग ही मजा है।

- उमेश आर. त्रिवेदी

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