इस सूचना के बाद प्रशासन तथा पुलिस की टीम लड़की के घर पहुंची और शादी की रस्में रुकवाईं। प्रशासन के कानूनी कदम उठाने की चेतावनी देने पर लड़की के परिजन उसका बाल विवाह रोकने को राजी हो गए। उनसे बाकायदा शपथ पत्र लिया गया कि वे अपनी संतान को तब तक शादी के बंधन में नहीं बांधेंगे, जब तक वह पूरे 18 साल की नहीं हो जाती।