मीडिया खबरों के अनुसार आमला ब्लॉक के कलमेश्वरा और जामुन बिछुवा गांव के दो बच्चे कबीर (4 वर्ष) और गर्मित (ढाई वर्ष) को बुखार की शिकायत पर परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी को दिखाया गया था। डॉक्टर ने दवा के साथ 'कोल्ड्रिफ सिरप' लिखी। सिरप देने के बाद बच्चों की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई। छिंदवाड़ा में “कोल्ड्रिफ” कफ सिरप में डायथीलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला रसायन पाया गया था, जिससे कई बच्चों की मौत हो चुकी है। अब बैतूल में भी दो मासूमों की मौत सामने आने से जिले में दहशत और आक्रोश दोनों फैल गया है।
प्रवीण सोनी को किया गया निलंबित
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर जिले के परासिया में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ प्रवीण सोनी को शिशुओं के उपचार में बरती गई लापरवाही के लिए निलंबित किया गया है। डॉ. सोनी को निलंबन के बाद क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर में अटैच किया गया।
इसी बीच शिशुओं की मृत्यु के मामले में परासिया में प्राथमिकी (एफआईआर) भी दर्ज की गई है। परासिया बीएमओ ने पुलिस थाना परासिया में एफआईआर दर्ज कराई है। दवा कंपनी श्रीसन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनी और अन्य लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
जिले में जिस कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' को पीने से नौ बच्चों की मौत हुई, उस सिरप की तमिलनाडु में हुई जांच में इसमें जहरीला तत्व डाइएथिलीन ग्लायकोल पाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इस जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद कल इस सिरप को समूचे राज्य में प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं। सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma