विंध्य के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह इस पूरे घटनाक्रम से बेहद नाराज दिखाई दे रहे हैं। मीडिया ने जब अजय सिंह से इस पूरे मामले पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने एक तरह से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेरी राय जगजाहिर है। आज इन दोनों नेताओं के आने के बाद पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता क्या सोच रहा होगा यह बात सोचनी चाहिए।
विंध्य के सियासत के जानकार कहते हैं कि नारायण त्रिपाठी के कांग्रेस के साथ आने पर भले ही पार्टी ने सदन में विरोधी दल भाजपा को अपनी ताकत दिखा दी हो लेकिन इसका कोई बड़ा जमीनी लाभ पार्टी को नहीं मिलने जा रहा है। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस को विंध्य में एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है उससे इस क्षेत्र में मौजूदा पूरे सियासी समीकरण अब भी पार्टी के विरोध में ही दिखाई दे रहे हैं।