मध्यप्रदेश में अमेजन और फ्लिपकार्ट नहीं बेच सकेंगे चाकू और नशे का सामान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी चेतावनी

विकास सिंह
बुधवार, 22 दिसंबर 2021 (13:50 IST)
भोपाल। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट पर एक बार फिर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी नजरें टेढ़ी की है। जबलपुर में चाकूबाजी की बढ़ती वारदात में ऑनलाइन खरीदी गई चाकू का इस्तेमाल होने की बात सामने आने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जबलपुर में ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को अपने प्लेटफॉर्म से चाकू और ऐसे अन्य आपत्तिजनक समान हटाने के आदेश लिखित में दिए गए है। 

इसके साथ ही गृहमंत्री ने ई-कॉमर्स कंपनी जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने प्लेटफॉर्म से नशे और हथियार से जुड़ी सभी घातक सामग्री हटाने का आग्रह किया है। गृहमंत्री ने कहा कि अगर कंपनियां ऐसा नहीं करती है तो सरकार आगे की कार्रवाई पर विचार करेगी।
 
दरअसल जबलपुर में लगातार चाकूबाजी की घटनाओं के बाद जब पुलिस ने जांच की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि अपराधियों ने अपराध के लिए ई-कॉमर्स कंपनी से चाकू मंगवाए थे। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फ्लिपकार्ट से चाकू की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ पुलिस ने कंपनी से फ्लिपकार्ट से चाकू मंगाने वाली डिटेल लेकर चाकू की जब्ती की कार्रवाई की है। वहीं पुलिस ने आपराधिक प्रवृत्ति वालों से चाकू जब्त करने के साथ उनके खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई भी की है। 
 
ईृ-कॉमर्स कंपनी अमेजन पहले भी FIR- मध्यप्रदेश के इंदौर और भिंड जिले में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन पर पहले भी दो FIR दर्ज हो चुकी है। इंदौर में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन से जहर मंगाकर आत्महत्या करने के मामले में अमेजन कंपनी से जुड़े लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
 
वहीं भिंड में पुलिस ने गांजे की सप्लाई के मामले में अमेजन के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। भिंड में ऑनलाइन नशे के व्यापार मामले में ई-कामर्स कंपनी अमेजन के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ भिंड में एनडीपीएस एक्ट की धारा 38 के तहत केस दर्ज किया गया है। 

भिंड में गांजा तस्करी का मामला सामने आने के बाद गृहमंत्री ने कहा था कि ऑनलाइन गांजा बेचने के मामले में  चेतावनी देने के बाद भी अमेजन के अधिकारी मामले की जांच में कोई सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके बाद एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। ऑनलाइन नशे का व्यापार साइबर क्राइम से भी अधिक गंभीर अपराध है और मध्यप्रदेश में इस तरह के क्राइम को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।
 

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