भोपाल। मध्यप्रदेश के निकाय चुनाव के जरिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने प्रदेश में जोरदार दस्तक दी है। पहले चऱण में कई जिलों में जीत हासिल करने के बाद अब दूसरे चरण में ओवैसी की पार्टी ने दंगा प्रभावित खरगोन जिले में तीन वार्ड पर अपना कब्जा जमा लिया है। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने खरगौन जिले वार्ड-2, वार्ड 15 और वार्ड 27 पर जीत हासिल की है। गौरतलब है कि ओवैसी की पार्टी ने खरगौन में 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें तीन वार्ड में जीत हासिल की है।
ओवैसी की पार्टी ने जिन वार्ड में जीती है उसमें वार्ड-2 दंगा प्रभावित क्षेत्र था जबकि दो अन्य वार्ड जहां ओवैसी की पार्टी जीती है वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। चौंकाने वाली बात यह है कि वार्ड-2 से ओवैसी की पार्टी ने हिंदू प्रत्याशी अरूणा उपाध्याय को चुनावी मैदान में उतारा था और उन्होंंने जीत हासिल की है। वहीं दो अन्य सीटों पर एआईएमआईएम की महिला प्रत्याशी ही जीती है। मध्यप्रदेश में पहली निकाय चुनाव में उतरी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने प्रदेश में कुल सात वार्ड में जीत हासिल की है। जिसमें खरगौरन में 3, खंडवा में 2 और बुरहानपुर और जबलपुर में 1-1 पार्षद शामिल है।
इससे पहले नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने जबलपुर, खंडवा और बुराहनपुर में 4 पार्षद पदों पर जीत हासिल की थी। वहीं खंडवा और बुराहनपुर में एआईएमआईएम के महापौर उम्मीदवारों को दस हजार से अधिक वोटर मिलना पार्टी की लोकप्रियता और मतदाताओं में अपनी पैठ को साबित करता है।
बुराहानपुर में ओवैसी की पार्टी के महापौर उम्मीदवार कांग्रेस उम्मीदवार की हार की बड़ी वजह भी माना जा रहा है। बुरहानपुर में एआईएमआईएम की प्रत्याशी कनीज़ बी को लगभग 10 हजार वोट मिले जबकि बुरहानपुर में भाजपा की महापौर उम्मीदवार माधुरी पटेल ने ने मात्र 542 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार शहनाज अंसारी को हराया।
वहीं खंडवा नगर निगम के चुनाव में छत्रपति शिवाजी वार्ड नंबर 14 से एआईएमआईएम की प्रत्याशी शकीरा बिलाल ने कांग्रेस की चार बार पार्षद रही मजबूत प्रत्याशी नूरजहां को 285 वोट से को हराते हुए वार्ड पार्षद का चुनाव जीत लिया। खंडवा में एआईएमआईएम के चलते कई वॉर्ड में कांग्रेस उम्मीदवारों की हार की बड़ी वजह भी साबित हुई।
जबलपुर में एआईएमआईएम ने एक वार्ड में जीत हासिल कर महाकौशल में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। नगरीय निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अब ओवैसी की नजर 2023 विधानसभा चुनाव पर टिक गई है।