साढ़े 11 फुट की दाढ़ी, बाबा ने बनाया रिकॉर्ड...

मंगलवार, 28 जून 2016 (18:01 IST)
-कीर्ति राजेश चौरसिया
 
जबलपुर। नर्मदा के तट पर रविवार की शाम श्री निर्विकार पथ के प्रणेता श्रीबाबाश्री की दाढ़ी की लंबाई गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज की गई। 
 
2008 में उनकी दाढ़ी 1.84 मीटर यानी करीब 6 फुट थी। तब उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल हो गया। 8 साल बाद उनकी दाढ़ी की लंबाई 11 फुट 4 इंच यानी 3 मीटर 45 सेमी हो गई। इससे उनका ही पूर्व रिकॉर्ड टूट गया है।
 
निर्विकार पथ आश्रम सिद्धघाट में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारी, सांसद राकेशसिंह, विधायक जालमसिंह पटेल, मेडिकल कॉलेज के डीन आरएस शर्मा और सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में बाबाश्री की दाढ़ी की लंबाई नापी गई। बाबाश्री ने खड़े होकर अपनी दाढ़ी खोली। सांसद राकेशसिंह ने मीटर पकड़ा और पहला हिस्सा बाबाश्री की दाढ़ी पर रखा गया। इसके बाद दाढ़ी के दूसरे छोर पर सांसद ने फीता रखकर उसकी लंबाई नापी गई।
 
 
 
परिचय :  बाबाश्री का जन्म 27 सितंबर 1942 को नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील में हुआ। 27 अप्रैल 1984 को गंगा सप्तमी से नर्मदा परिक्रमा शुरू करने के बाद उनकी दाढ़ी बढ़ना शुरू हो गई। बाबाश्री 25 वर्षों से मां नर्मदा की अनवरत परिक्रमा कर रहे हैं। वह निराहार रहकर मात्र नर्मदाजल पीकर वर्तमान में गाड़रवाड़ा से 20 किमी दूर सोकलपुर में तप, साधना में हैं।
 
उनका कहना है कि सिर्फ साधना के बल पर उनकी दाढ़ी की लंबाई बढ़ती जा रही है।
 
बाबाश्री ने कहा कि साधु-संतों का दाढ़ी-बाल बढ़ाना वैराग्य की निशानी है, लेकिन सभी साधु-संत एक से नहीं होते। वर्तमान में भारतीय राजनीति धर्म के खिलाफ है। प्राचीन युग में राजा का प्रजा के साथ पुत्रवत व्यवहार रहता था, लेकिन आज सत्तासीन नेता भाई-भतीजावाद परंपरा को बढ़ावा देकर मित्रवत व्यवहार कर रहे हैं। साधु-साध्वी राजनीति में जाएं, तो उन्हें धर्मनीति का साथ देना चाहिए। 
 
युवाओं को चाहिए कि भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए वह निर्विकार पथ अपनाएं। इस पथ पर चलने के लिए लहसुन, प्याज, मांस खाने और नशा करने की आदत छोड़ना जरूरी है।

वेबदुनिया पर पढ़ें