भोपाल। मध्यप्रदेश के 9 जिलों बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि के पूरे प्रदेश में दहशत का माहौल है। प्रदेश के इंदौर, मंदसौर,आगर, नीमच, देवास, उज्जैन खंडवा, खरगौन और गुना में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। इंदौर और नीमच में चिकन की दुकानों से लिए गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद एक किलोमीटर के क्षेत्र में चिकन और मटन की दुकानों को बंद करा दिया गया। वहीं लगातार नए-नए जिलों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद पोल्ट्री व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है।
इंदौर और नीचम में चिकन की दुकानों पर बर्ड फ्लू के मामले सामने के बाद थोक कारोबार में मुर्गों के दाम में 30 से 50 फीसदी तक कमी आ गई है। पोल्ट्री कारोबार से जुड़े आकाश कहते हैं बर्ड फ्लू की अलर्ट के बाद होलसेल कारोबार में 50 फीसदी तक कमी आ गई है। एक सप्ताह पहले तक थोक में 80-100 रुपए तक बिकने वाले मुर्गों की डिमांड में पचास फीसदी की कमी आने के बाद अब फुटकर व्यापारी 60 रुपए प्रति किलो तक के मुर्गों के दाम लगा रहे है। आकाश कहते हैं कि उनके बाद पोल्ट्री में इस समय करीब डेढ़ हजार मुर्गे तैयार है लेकिन डिमांड नहीं होने से बिक नहीं पा रहे है। ऐसे में अब लगात बढ़ने से उनको कारोबार में नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश-अपर मुख्य सचिव पशुपालन जे.एन. कंसोटिया ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को बर्ड फ्लू की रोकथाम और नियंत्रण करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने सभी कलेक्टरों को पशुपालन, वन, स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक कर किसी इमरजेंसी से निपटने की पूर्ण तैयारी की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी कलेक्टरों से केंद्र की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
जिलों में पशु चिकित्सा विभाग के जिला कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाने के साथ सैंपल के समय अमले को पीपीई किट पहनने के निर्देश दिए गए है। मुर्गियों, कौवों और प्रवासी पक्षियों की मौत होने पर उस स्थान को तुरंत सैनेटाइज करने के निर्देश दिए गए है।