भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता बरकरार रखने की चुनौती से जूझ रही भाजपा स्थानीय स्तर पर गुटबाजी को खत्म करने में जुट गई है। केंद्रीय नेतृत्व के सीधे दखल के बाद अब पार्टी के सीनियर नेता ने जिले से लेकर मंडल स्तर तक नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने में जुट गए है। पार्टी के तीन बड़े नेता राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पार्टी क राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने का जिम्मा संभाल लिया है।
पार्टी के यह तीनों केंद्रीय नेता जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने के साथ उनकी समस्याओं को सुन रहे है। पार्टी के चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख नरेंद्र सिंह तोमर विंध्य का दौरा करने के बाद बुधवार को उज्जैन पहुंचे और वहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उज्जैन में कार्यकर्ताओं की बैठक में तोमर ने कहा कि जब-जब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मन लगाकर काम किया है तब-तब पार्टी ने बहुमत से जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर जुटना होगा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनाने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं को जुटना पड़ेगा। चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को सहयोग करना जरूरी है।
वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मालवा-निमाड़ के साथ बुंदेलखंड में पार्टी की गुटबाजी खत्म कर नेताओं के बीच समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे है। बीना में कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा में कमल का फूल ही पार्टी के चेहरा होता है।
वहीं पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री आज नर्मदापुरम संभाग के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे है। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आज रीवा दौरे पर है।
दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में जिला स्तर पर लगातार गुटबाजी की शिकायतें आने और सीनियर नेताओं की उपेक्षा को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। पिछले दिनों अमित शाह के साथ पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में मुद्दा उठने के बाद पार्टी के सीनियर नेताओं को स्थानीय स्तर नेताओं के बीच समन्वय स्थापित करने और उनको मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही पार्टी में लगातार अपनी उपेक्षा का आरोप लगा रहे सीनियर नेताओं को चुनाव को लेकर बनाई जा रही विभिन्न समितियों में एडजस्ट किया जा रहा है।