बोहरा समाज के कार्यक्रमों को सुचारु रूप से चलाने के लिए डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने बुरहानी गार्ड्स का गठन 20 साल पहले किया गया था। समाज के कार्यक्रमों में उमड़ने वाली भीड़ को मैनेज करने और उन्हें परेशानियों से बचाने के लिए बुरहानी गार्ड्स की स्थापना की गई थी। यह गार्ड्स जहां भी जाते हैं अपने अनुशासन और कार्य की वजह से चर्चा में बने रहते हैं।
पुलिस का काम आसान किया, लोगों की मदद की : बुरहानी गार्ड्स ने इंदौर में सैफीनगर मस्जिद और उसके आसपास के इलाके में अपने काम से लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने व्यवस्था को इस तरह अनुशासित रूप से संभाला कि समाजजनों को भी परेशानी नहीं हुई और पुलिस का काम भी आसान कर दिया।
कहां-कहां लगती है बुरहानी गार्ड्स की ड्यूटी : बुरहानी गार्ड्स बोहरा समाज के कार्यक्रम में सेवा देने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। बड़े कार्यक्रमों में तो उनकी ड्यूटी लगाई ही जाती है साथ ही आवश्यकता पड़ने पर समाज के अन्य कार्यक्रमों में भी उनकी ड्यूटी लगाई जाती है। समाज के लोग भी उन्हें बराबर सम्मान देते हैं और उनकी बात टालते नहीं हैं।
छह झोन में बांटा : इंदौर में भी व्यवस्था को बनाए रखने लिए 6 हजार बुरहानी गार्ड्स को 6 झोनों में बांटा गया है। हर झोन की व्यवस्था एक कमांडर को सौंपी गई है। बुरहानी गार्ड्स में मध्यप्रदेश के साथ ही देश-विदेश से आए बुरहानी गार्ड्स व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं।
बुरहानी गार्ड्स की हैरारकी : कमांडर, झोनल कमांडर, असिस्टेंट कमांडर, मेजर, सुपरिंटेंडेंट एक टीम के रूप में सुनियोजित रूप से काम करते हैं। उनका उद्देश्य व्यस्था को इस तरह संचालित करना है ताकि किसी को परेशानी नहीं हो।
छत्तीसगढ़ से आए बुरहानी गार्ड्स खुजेमा ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से बुरहानी गार्ड के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी धर्मगुरु जाते हैं वहां हम खिदमत के लिए जाते हैं। हमारे धर्मगुरु जो भी बोलते हैं उससे हमें बरकत होती है। हमारे धर्मगुरु कहते हैं कि खुद का बिजनेस करो। नौकरी करने पर छु्ट्टी में दिक्कत होती है पर बिजनेस करने पर इसमें कोई परेशानी नहीं होती। फोटो : धर्मेंद्र सांगले