मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना से जुड़ा एक सनसनीखेज घोटाला सामने आया है। घोटाले में एक छात्र ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर विदेश अध्ययन स्कालरशिप हथिया ली। स्कालरशिप की यह राशि 47 लाख से ज्यादा है। फिलहाल एक ही ऐसा मामला सामने आया है, लेकिन इस फर्जीवाड़े में एक से ज्यादा मामले हो सकते हैं। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
जो मामला फिलहाल सामने आया है कि वो देवास के एक छात्र द्वारका प्रसाद नायक का है, जिसने जाली प्रमाण पत्रों का उपयोग कर के 47,98,887 की सरकारी छात्रवृत्ति अवैध रूप हथिया ली। द्वारका प्रसाद नायक देवास के कन्नौद का है, फिलहाल वो भोपाल में रहता है। बता दें कि मध्य प्रदेश शासन मेधावी छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देता है। इसी योजना में यह धांधली सामने आई है।
डिप्टी डायरेक्टर, पिछड़ावर्ग और अल्पसंख्यक डॉ देवेश मिश्रा ने वेबदुनिया को बताया कि यह मामला कोर्ट में है। हमारे संज्ञान में आया था। जांच के बाद यह केस कोर्ट में है। इस तरह के फर्जी दस्तावेज के आधार पर छात्रवृति लेने के जो भी मामले आते हैं हम उनमें नियमानुसार कार्रवाई करते हैं।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा : इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब अरेरा हिल्स पुलिस स्टेशन, भोपाल को शिकायत मिली कि एक छात्र ने छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने के लिए फर्जी एम.ए. समाजशास्त्र की मार्कशीट और डिग्री लगाई है। जांच में ही शिक्षा विभाग को दस्तावेजों में गड़बड़ी नजर आई। इसके बाद विश्वविद्यालय और अन्य प्रमाण पत्रों की गहन जांच की गई, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि प्रस्तुत किए गए दस्तावेज मूल रूप से जाली थे। शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब जांच की तो दस्तावेज़ों में पाया गया कि एम.ए. की डिग्री पूर्णतः नकली थी। तथ्य सामने आया, पुलिस ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए नायक के खिलाफ मामला दर्ज किया।
हथिया ली 47 लाख की राशि : छात्र द्वारका प्रसाद नायक पर 47,98,887 की सरकारी छात्रवृत्ति अवैध रूप से प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप है। दरअसल, मामला मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना से जुड़ा हुआ है, इस योजना में मेधावी छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि नायक ने अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े कागजात जाली बनाकर यह अनुदान प्राप्त किया।
पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था : अरेरा हिल्स थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि द्वारा प्रसाद नायक द्वारा जाली दस्तावेज प्रस्तुत कर विदेश में पढ़ाई के लिए सरकारी अनुदान प्राप्त करने का यह मामला आया था। आवेदन मिलने पर अपराध पंजीबद्ध कर चालान पेश किया गया था। श्री कुमार ने बताया कि इसके बाद मैं दूसरे थाने पर आ गया, मामले में आगे क्या हुआ है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। बता दें कि अरेरा हिल्स पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 313/2023 के अनुसार नायक ने फर्जी एम.ए. समाजशास्त्र की डिग्री का उपयोग कर विदेश में पढ़ाई के लिए आवेदन किया था।
क्या है छात्र का तर्क : छात्र द्वारका प्रसाद नायक की ओर से जो तर्क दिया गया है उसमें कहा गया कि वह निर्दोष है और उसका चयन छात्रवृत्ति के लिए एम.ए. डिग्री की बजाय एम.फिल डिग्री के आधार पर हुआ था। इसके अलावा, अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असमर्थ रहा कि एम.फिल डिग्री फर्जी थी। फिलहाल यह मामला कोर्ट में है। रिपोर्ट : नवीन रांगियाल