MP के बहुचर्चित नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में लाखों की रिश्वत लेकर कैसे CBI के अधिकारियों ने दागी कॉलेजों को दी क्लीन चिट?

विशेष प्रतिनिधि

मंगलवार, 21 मई 2024 (11:30 IST)
भोपाल। मध्य प्रदेश की बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले की जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है। पूरे मामले की जांच कर रहे सीबीआई के दो अधिकारियों के रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार होने के बाद अब तक की पूूरी जांच पर गंभीर सवाल उठ गए है। दरअसल हाईकोर्ट केे आदेश पर घोटाले की जांच का जिम्मा जिन सीबीआई अफसरों को दिया गया गई था वह अफसर उन नर्सिंग कॉलेज के संचालकों से लाखों रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए जिन पर पूरे घोटाले को अंजाम देने का आरोप है।

क्या है पूरा नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामला?-मध्यप्रदेश का बहुचर्चिंत नर्सिंग घोटाले तब सुर्खियों में आया जब 2020-21 सत्र में परीक्षा को लगातार टाला गया। 2020-21 सत्र के दौरान खुले नए कॉलेजों को विश्वविद्यालय ने 2023 में मान्यता दी। यह मान्यता ही सवालों के घेरे मे आ गई है क्योंकि नियमों को ताक पर रखकर कई कॉलेजों को मान्यता दी गई। इसी दौरान जनवरी 2023 में कॉलेजों को मान्यता के साथ नामांकन के साथ फरवरी माह में परीक्षा करवाना प्रस्तावित था।

इसी को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। एडवोकेट दिलीप वर्मा की ओऱ दायर जनहित याचिका में एक महीने में कॉलेजों को मान्यता देना, नामांकन करवाने और परीक्षा करवाने को लेकर सवाल ख़ड़े किए गए। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगा दी। इसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 364 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के आदेश दिए।

CBI ने हाईकोर्ट में सौंपी जांच रिपोर्ट- मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले की जांच के आदेश जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने दिए थे। ग्वालियर हाईकोर्ट ने 364 नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने जिन 364 कॉलेजों की जांच CBI को सौंपी थी उसमें से 56 कॉलेज सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब एक साल बाद सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। जांच रिपोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों को तीन कैटेगरी सूटेबल,अनसूटेबल और डिफिसेंट कैटेगरी में बांटा गया। जिसमें 308 कॉलेजों में 169 सूटेबल, 66 अनसूटेबल और 73 डिफिसेंट पाए गए।

CBI की जांच रिपोर्ट पर सवाल?-हाईकोर्ट के आदेश पर नर्सिंग घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने जांच में कई ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को भी क्लीन चिट दे दी गई थी जो मान्यताओं पर खरा नहीं उतरे थे। इस पर एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक और व्हिसल ब्लोअर रवि परमार ने आपत्ति ली थी। उन्होंने 15 अप्रैल को सीबीआई कार्यालय पहुंचकर शिकायत भी कि थी। एनएसयूआई की शिकायत के बाद CBI ने कुछ विभागीय लोगों को भी जांच के रडार पर लिया।

CBI के दो इंस्पेक्टर समेत 13 गिरफ्तार-नर्सिंग घोटाले की जांच पर सवाल उठने और पूरे मामले लिखित शिकायत के बाद  दिल्ली CBI की विंजिलेंस टीम ने पूरे मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को अपने राडार पर ले लिया। रिश्वत की पुख्ता सूचना के बाद सीबीआई की विजिलेंट टीम ने इंदौर,भोपाल,रतलाम समेत अलग-अलग जगह पर छापेमारी की गई रिश्वतखोरी पूरे मामले का भंडाफोड़ किया गया। पूरे मामले में CBI के दो इंस्पेक्टर 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान भोपाल में प्रोफेसर कॉलोनी में CBI के इंस्पेक्टर राहुल राज को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। उन्होंने नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले में कॉलेज की सही रिपोर्ट पेश करने की एवज में रिश्वत मांगी थी। राहुल राज के घर तलाशी में 7 लाख 88 हजार कैश और 2 गोल्ड के बिस्किट भी बरामद किए गए। राहुल राज को रिश्वत देने वाले भोपाल के मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन, प्रिंसिपल सूना अनिल भास्करन और एक मीडिएटर सचिन जैन को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।

इसके बाद सोमवार को सीबीआई की विजिलेंस टीम ने सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील मजोकर को दो लाख की रिश्वत लेते रतलाम से गिरफ्तार किया। मजोकर ACB भोपाल CBI में अटैच था। इसके अलावा रतलाम नर्सिंग कॉलेज वाइस प्रिंसिपल जुगल किशोर शर्मा और भाभा कॉलेज भोपाल के प्रिंसिपल जलपना अधिकारी को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए एक अन्य आरोपी रविराज भदोरिया के यहां से सीबीआई ने 84.65 लाख रुपए की जब्ती की है। वहीं प्रीति तिलकवार के यहां से करीब 1 लाख रुपए और डायरी जप्त की है।

इस पूरे मामले में अब तक सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज और सुशील मजोकर के साथ सचिन जैन (बिचौलिया), सुमा रत्नाम भास्करन-प्रिंसिपल, मलय नर्सिंग कॉलेज,अनिल भास्करन-मलय नर्सिंग कॉलेज, रवि भदौरिया-आरडी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज इंदौर, प्रिति तिलकवार, वेद प्रकाश शर्मा,तनवीर खान ओम गिरी गोस्वामी, जुगल किशोर शर्मा,नर्सिंग कॉलेज संचालक,राधारमण शर्मा-जुगल किशोर का भाई ,जलपना अधिकारी-प्राचार्य , भाभा नर्सिंग कॉलेज भोपाल को गिरफ्तार किया गया है

NSUI ने CBI जांच को लेकर की शिकायत- कांग्रेसस की स्टूडेंट विंग NSUI  का दावा है कि उसकी शिकायत के बाद नर्सिंग घोटाले में बड़े स्तर पर मिलीभगत का भंडाफोड़ हुआ है। नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर और NSUI नेता  रवि परमार का कहना है कि उनकी शिकायत के बाद दिल्ली सीबीआई की टीम हरकत में आई और छापेमारी कर भोपाल के अफसरों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि वे दिल्ली सीबीआई को जल्द ही अन्य भ्रष्टाचारी निरीक्षकों और नर्सिंग फर्जीवाड़े में शामिल नर्सिंग कालेज संचालकों और दलालों की जानकारी सौंपेंगे।

नर्सिग कॉलेज खोलने के क्या है मापदंड?- गौरतलब है कि एक आदर्श नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए 23,720 वर्ग फीट में टीचिंग ब्लॉक होना चाहिए और 30,750 वर्ग फिट में हॉस्टल होना चाहिए इस तरह से एक नर्सिंग कॉलेज में कम से कम 54,470 वर्ग फीट कुल निर्मित क्षेत्रफल होना चाहिए। 40 से 60 छात्रों की क्षमता वाले नर्सिंग कॉलेज के लिए एक प्रिंसिपल, एक वाइस प्रिंसिपल, दो एसोसिएट प्रोफेसर 3 असिस्टेंट प्रोफेसर और 10 से 18 के बीच ट्यूटर होने चाहिए। इसके अलावा नर्सिंग कॉलेज के लिए 100 बिस्तर का अस्पताल भी अनिवार्य है।

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