छतरपुर। हाल ही में छतरपुर के सिविल लाइन थाने के पास सड़क किनारे डेरा डाले धुमक्कड़ लुहार जाति (लोहपीटा) की एक महिला का प्रसव सड़क किनारे चारपाई की आड़ में कराने की खबर सामने आने के बाद प्रशासनिक हलके में हड़कंप मच गया था। हालांकि इस खबर का असर यह हुआ कि अब महिला के पास काजू-बादम से लेकर अन्य खाद्य सामग्री का ढेर लग गया है। उल्लेखनीय है कि वेबदुनिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
हालांकि इस मामले के सामने आने के बाद शासन-प्रशासन के साथ ही समाजसेवियों की भरपूर मदद महिला एवं उसके परिजनों तक पहुंच गई।
जानकारी लगाने के बाद जिले की तेजतर्रार महिला SDM प्रियांशी भंवर ने महिला की भरपूर मदद की। वे स्वयं महिला और बच्चे का हाल जानने डेरे पर पहुंच गईं। उन्होंने महिला और उसके परिजनों से मुलाकात कर बच्चे का हाल भी जाना।
एसडीएम भंवर को जब पता चला कि लॉकडाउन के चलते उन लोगों का काम ठप है तो उन्होंने तत्काल खाद्य अधिकारी को महिला का नाम राशन कार्ड में जोड़ने व बच्चे का नाम आंगनबाड़ी में जोड़ने के निर्देश भी दिए। उन्होंने परिवार को तीन महीने के राशन की व्यवस्था भी कराई। साथ ही आश्वासन भी दिया कि जो भी आवश्यक मदद होगी, शासन स्तर पर पूरा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने प्रसव के दौरान मदद करने वाले प्रशिक्षु DSP और अस्पताल की नर्स की भी तारीफ की।
इतना ही नहीं महिला की मदद के लिए कई समाजसेवी भी सामने आए। जानकारी मिलने पर महल रोड निवासी रफत खान रात में ही डेरा पहुंचे और महिला को फल-फ्रूट, राशन के पैकेट उपलब्ध कराए साथ ही बच्चे के दूध के लिए कुछ रुपए भी दिए। आपाहुजूर कमेटी के रफत खान, अब्बास और साथीगण इन्हें लंच पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं।
सब्बू भाई ने किसमिस, बादाम, अखरोट, अंजीर, छुहारे, नारियल, मखाने, शुद्ध-घी, बच्चे को सेरेलक, मिल्क, पॉवडर मिल्क सहित अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवाया।
नर्स ने बचाई थी जान : महिला ज्योति को प्रसव पीड़ा के समय एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई थी साथ ही लॉकडाउन के चलते अन्य साधन भी नहीं मिल पाया था। उसी समय अस्पताल से घर लौट रही एक नर्स रूपा सिंह ने वहीं सड़क किनारे चारपाइयों की आड़ करवाकर महिला का प्रसव कराया था।