कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आधी आबादी के साथ न्याय के बिना न देश आगे बढ़ सकता है न समाज। बहन बेटियों की झिझक टूटे, उनका आत्मविश्वास और सम्मान बड़े इसी उद्देश्य से पुलिस बल में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ लाड़ली लक्ष्मी, कन्या विवाह जैसी योजनाएं और कार्यक्रम आरंभ किए गए। जब तक हम बहन-बेटी को समाज में बराबरी पर लाकर नहीं खड़ा कर देते, तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे। इसमें महिला सुरक्षा सबसे अहम है। अपराधियों में भय पैदा करने महिला हेल्प डेस्क को वाहन उपलब्ध कराकर गतिशील बनाने और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव विकसित करने के लिए आरंभ किया गया "अभिमन्यु अभियान", महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटा-बेटी में भेद और घरेलू हिंसा की विकृत सोच को बदलने की जरूरत है। पुलिस में 30% महिलाओं की भर्ती से पीड़ित महिलाओं को थानों में अपनी व्यथा बयान करने और उस पर कार्रवाई कराने में मदद मिली है। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम क्रूर नहीं हैं, किंतु प्राय: यह देखा गया है कि बुरी प्रवृत्ति के लोग कड़ी कार्यवाही के बिना मानते नहीं है, अपराधियों में भय पैदा करना आवश्यक है।