मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार गरीबों के कल्याण के लिए हर क्षण तत्पर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नागरिकों को सुशासन देने एवं जलकल्याण के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रहे हैं। एक तरफ लापरवाही पर सख्त रवैया भी अपनाते हैं तो वहीं संवेदनशीलता भी देखने को मिलती है।
सुशासन और जनकल्याण के मंत्र को लेकर काम रहे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशीलता का एक और उदाहरण देखने को मिला है जिसके कारण सीहोर जिले के बुधनी के नीमतोन ग्राम के 5 माह के बच्चे के माता-पिता के जीवन में खुशियों ने दस्तक दी है। बच्चे के जीवन को बचाने के लिए अर्थ के अभाव में खुद को असहाय मानने वाले माता-पिता ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने संज्ञान में आते ही दिए थे सहायता के निर्देश : सीहोर ज़िले के बुधनी तहसील के नीमतोन ग्राम निवासी सुनील चौहान का बेटा जन्म से ही कमजोर और पीलिया से पीड़ित था। शुरू में तो उसने गांव में ही इलाज करवाया, पर फ़ायदा न मिलने पर वह उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल लाए, जहां जांच से पता लगा कि उसकी पित्त ले जाने वाली नली और पित्ताशय की थैली बनी ही नहीं है।
अब तक इलाज में इतनी देरी हो चुकी थी कि बच्चे का लिवर भी फेल होने लगा था और अब Liver Transplant के अलावा कोई उपचार नहीं बचा था। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लगभग 20 लाख का खर्च, जिसे उठाना सुनील और उनके परिवार के लिए संभव नहीं था। जब कहीं राह नहीं दिखी तो लव्यांश के पिता सुनील ने अपने बेटे के इलाज के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आर्थिक सहायता की मांग की। जिसके इलाज के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तत्काल सहायता करने के निर्देश दिए थे।
मददगार बनी मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और 20 लाख की सहायता : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जब पांच माह के लव्यांश की स्वास्थ्य की इस पीड़ा और माता-पिता की बेबसी को जाना तो उन्होंने तत्काल 20 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत कर बंसल अस्पताल में बच्चे के लिवर ट्रांसप्लांट करवाने के निर्देश दिए थे। अपने बच्चे को सही इलाज मिलने पर अब महीनों से छाई माता-पिता के चेहरे की उदासी अब कम हो गई है और उनके चेहरे पर खुशी के आंसू हैं। माता-पिता ने मुख्यमंत्री की इस सहृदयता और संवेदनशीलता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।