इंदौर को स्व्च्छता में एक बार फिरे अव्वल बनाने के लिए और यहां के प्रबुद्ध नागरिक प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन ने डेली कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा अन्य अधिकारियों से आभासी मीटिंग करते हुए इंदौर प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से आग्रह किया कि वह प्रशासन के इस अभियान में सहयोग करे।
उन्होंने डेली कॉलेज परिसर की स्वच्छता की तारीफ़ की तथा इंदौर के प्रति कृतज्ञता प्रकट की कि यह उनकी कर्मभूमि रही, यहीं रहकर वे मानवता और पर्यावरण के प्रति अपनी सेवाएं दे सकीं। उन्होंने अपने कर्म-जीवन के शुरुआती दिनों की स्मृतियां साझा कीं और बताया कि झाबुआ में उन्होंने किस तरह आदिवासियों के साथ रहकर काम किया और हज़ारों लोगों को गिनीवर्म की समस्या से मुक्ति दिलाई।
जनक जी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें किसी भी तरह अपने जीवन से प्लास्टिक के उपयोग को कम करते जाना होगा तभी हम अपने पर्यावरण को स्वस्थ और परिवेश को स्वच्छ रख सकेंगे।
लॉकडाउन के मुश्किल दिनों में प्लास्टिक के उपयोग के बढ़ जाने की मुसीबत से निपटने के लिए उन्होंने अपनी तैयारियों के विषय में भी बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए इस बात को भी रेखांकित किया कि वे अपने जीवन में ज़ीरो वेस्ट की स्थिति में हैं। वे प्लास्टिक का उपयोग बिलकुल भी नहीं करतीं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री महोदय ने उन्हें पत्र लिखकर कहा कि अब आप स्वच्छता के लिए कार्य करें। तब से वे पूरी ऊर्जा के साथ इंदौर में स्वच्छता के अभियान को सफल बनाने की कोशिशों में अंशदान कर रही हैं। जनक जी ने यह भी कहा कि हम इसलिए इंदौर को स्वच्छ बनाने के लिए जी जान से नहीं जुटे हुए हैं कि वह पांचवीं बार स्वच्छता में नंबर 1 बने, बल्कि हम इस शहर को इसलिए स्वच्छ बनाना चाहते हैं कि स्वच्छता हमारी ज़रूरत है, हम स्वस्थ रहना चाहते हैं, स्वच्छता ईश्वर को भी प्रिय है।
स्वच्छता से हमारी आत्मा भी निर्मल होती है, मन प्रसन्न रहता है। उन्होंने डेली कॉलेज के विद्यार्थियों से कहा कि वे इस अभियान में अपनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और उन्हें इस काम के लिए अवश्य आगे आना चाहिए।
इस अवसर पर स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट के सीईओ समीर शर्मा ने वेस्ट मैनेजमेंट के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर की जनता कचरे के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
लोग अब गीले और सूखे कचरे को अलग करना सीख गए हैं, जिससे नगर निगम का काम काफ़ी हद तक आसान हो गया है। उन्होंने इस विषय में बताया कि हम लोग और भी एडवांस लेवल पर काम कर रहे हैं। हम केवल गीले और सूखे कचरे को ही अलग नहीं करते बल्कि 6 प्रकार के कचरे को अलग करके उनसे गैस बिजली तथा खाद बनाते हैं।
डेली कालेज के प्राचार्य नीरज कुमार बधौतिया ने बताया कि कॉलेज इस विषय में अत्यंत गंभीरता से काम कर रहा है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए पिछले तीन-चार वर्षों में कॉलेज परिसर में लगभग 53 हज़ार पौधे लगाए गए हैं और जिनकी समुचित देखभाल की जाती है। जल संरक्षण के लिए मैदानों के किनारों पर स्टॉप डैम बनाए गए हैं, वॉटर पिट्स भी बनाए गए हैं तथा जलाशय खुदवाए गए हैं।
कैम्पस में रह रहे तमाम लोग ऑर्गेनिक किचन गार्डन में बिना कीटनाशक और बिना रसायनों का उपयोग कर सब्ज़ियां उगा रहे हैं। लॉकडाउन के समय परिसर में रह रहे लोगों ने हर रोज़ भोजन के 1000 पैकेट्स तैयार कर प्रशासन को दिए हैं। अंत में जनक जी तथा समीर जी से बच्चों ने पर्यावरण तथा स्वच्छता को लेकर तमाम तरह के सवाल पूछे, जिनका समुचित जवाब देकर बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाया गया। कॉलेज के बर्सर हर्षवर्धन सिंह पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों पर प्रकाश डाला। कॉलेज के उपप्राचार्य अहमद अंसारी ने आभार प्रदर्शन किया। जानकारी असीम उत्पल ने दी।