दिनेश गुर्जर बने एमपी कांग्रेस के ‘अय्यर’,कहा नंगे-भूखे परिवार से हैं शिवराज

विकास सिंह

सोमवार, 12 अक्टूबर 2020 (19:40 IST)
भोपाल। अपने बयानों के जरिए पिछले लोकसभा चुनाव और गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को खासा नुकसान पहुंचाने वाले नेता मणिशंकर अय्यर के पद्चिन्हों पर अब मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता दिनेश गुर्जर चल निकले है। उपचुनाव के सियासी रण में जब कांग्रेस चुनाव में भावनात्मक तरीके से वोटरों को अपनी ओर जोड़ने की कोशिश कर रही है तब कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने एक ऐसा बयान दिया है जो चुनाव में कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है।

मुरैना से टिकट के दावेदार रहे दिनेश गुर्जर ने चुनावी सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि कमलनाथ जी हिंदुस्तान के दूसरे नंबर के उद्योगपति है, शिवराज सिंह चौहान की तरह नंगे-भूखे घर के नहीं है। 

चुनावी मौसम में कांग्रेस नेता के इस विवादित बयान को भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथों हाथ लपक लिया और सीधे कमलनाथ पर निशाना साध दिया। भाजपा कांग्रेस नेता के इस बयान को लेकर अब अक्रामक हो गई है। 

शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता कह रहे हैं कि कमलनाथ तो देश के नंबर दो उद्योगपति हैं और शिवराज सिंह तो नंगे-भूखे हैं। तुम्हारी अमीरी तुम्हें मुबारक हो कमलनाथ, लेकिन हम नंगे-भूखों पर ऊंगली मत उठाओ। हम ऐसे ही ठीक हैं, हमें नंगे-भूखे ही रहने दो ताकि हम गरीबों का दर्द महसूस कर सकें, उनकी जिंदगी भर सेवा करते रहें।
मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल करते हुए कहा कि उद्योगपति कमलनाथ, तुमने कभी भूख और गरीबी देखी है? कभी बीमारी और मौत देखी है? कभी गांव देखे हैं, खेत देखे हैं, खेतों की पगडंडियां देखी हैं, कीचड़ देखी है, धूल देखी है? तुम क्या गरीबों का दर्द जानोगे? हम नंगे-भूखे हैं और गरीबों के दर्द को जानते हैं। इसीलिए उनकी सेवा में लगे रहते हैं। हम नंगे-भूखे हैं, इसीलिए हमने गरीबों के लिए संबल योजना बनाई। हम नंगे भूखे हैं, इसलिए ये चाहते हैं कि गरीबों के बच्चे भी पलें, उनके घरों में भी जन्म की खुशियां मनाई जाएं, इसीलिए हम बेटे-बेटी के जन्म पर 16000 रुपये देते हैं। हमने गरीबी के कारण परिवारों को बिखरते देखा है, इसलिए हम गरीब परिवार के मुखिया की दुर्घटना में मौत पर 4 लाख और सामान्य मौत पर 2 लाख की सहायता देते हैं। 
 
बमोरी में चुनावी सभा में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हम नंगे-भूखे हैं, इसीलिए ये चाहते हैं कि हर गरीब की दुनिया से विदाई सम्मान के साथ हो। इसके लिए हम गरीबों के अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये देते हैं। स्कूल-कॉलेज में बच्चों की फीस भरवाते हैं, उन्हें लेपटॉप देते हैं, स्मार्टफोन देते हैं, बेटियों की शादी कन्यादान योजना में करवाते हैं,बुजुर्गों को तीर्थदर्शन कराने ले जाते हैं,किसानों को शून्य प्रतिशत दर पर ऋण देते हैं। लेकिन उद्योगपति कमलनाथ ने प्रदेश के गरीबों का हक छीन लिया। उनका सहारा, संबल योजना छीन ली, गरीब परिवारों की खुशियां छीन लीं और गरीबों से उनका कफन भी छीन लिया।

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