गुरुवार को कमलनाथ कैबिनेट में संविदा कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। ऐसे संविदाकर्मी जिनके प्रोजेक्ट खत्म हो चुके हैं, उन्हें नए प्रोजेक्ट और खाली पदों पर भर्ती किया जाएगा।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के दौरान संविदा कर्मियों ने वेतन में विसंगति को लेकर भी मुख्यमंत्री से शिकायत की, जिस पर मुख्यमंत्री ने सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित पद का 90 फीसदी वेतन देने के निर्देश दिए।