बागली (देवास)। बागली पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए हत्या के एक मामले को सुलझाया और आरोपी भाइयों को हिरासत में लिया। मामला कमलापुर क्षेत्र के ग्राम गोपीपुर में गत 18 अगस्त को कुएं से मिले अज्ञात शव से जुड़ा हुआ है। इसमें पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को ही मर्ग जांच को हत्या के मामले में तब्दील किया था।
पुलिस के अनुसार मृतक जड़ी-बूटियों से उपचार के नाम पर आरोपी की मानसिक रूप से बीमार पुत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा गया था। जानकारी के अनुसार पुलिस को गत 18 अगस्त को गोपीपुर निवासी गंगाराम के खेत के कुएं में एक अधेड़ का अज्ञात शव पड़ा होने की सूचना मिली थी। शव को निकाला गया तो वह खराब अवस्था में था और उसकी शिनाख्त भी नहीं हो सकी थी।
इंदौर एमवायएच में शव का पोस्टमार्टम हुआ। पुलिस ने शिनाख्त न होने और पानी में बॉडी गलने के कारण 19 अगस्त को बागली में कालीसिंध नदी के किनारे शव को दफन कर दिया था, लेकिन कुएं के पास मिली सामग्री और पर्चियों में दर्ज मोबाइल नंबर के आधार पर शिनाख्त के प्रयास शुरू हुए, वहीं समाचार-पत्रों में छपे शव के हुलिए के आधार पर कन्नौद थाना क्षेत्र के ग्राम बरवई के दो युवक अपने पिता गब्बूलाल पिता हजारीलाल लोधा (55) का होने की शंका जाहिर की। इस पर पुलिस ने उन्हें कपड़े दिखाए जिस पर उन्होंने शव को पहचान लिया। दोनों पुत्र गब्बूलाल के शव को निकालकर अंतिम संस्कार के लिए अपने घर लेकर गए।
पोस्टमार्टम से हुआ खुलासा : इंदौर से पुलिस को पीएम रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें गर्दन पर किए गए वारों से मृत्यु होने का पता चला। इस पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया। साथ ही अपने खबरियों को भी सक्रिय किया। बागली टीआई सुजीत तिवारी ने बताया कि मृतक क्षेत्र में आता-जाता रहता था। वह जड़ी-बूटियों से उपचार के दावे भी करता था। उसके पास से कंडोम व गर्भ परीक्षण कीट भी मिली थी। शव गोपीपुर में मिला था तो उसे ही टारगेट किया गया। बडी फाटे पर भी मृतक के फोटो के आधार पर लोगों ने उसे आते देखने का दावा किया था। जांच के दौरान ही यह सूचना भी मिली कि वह गोपीपुर निवासी देवीलाल पिता छीतर गोंडा के घर पर दिखाई दिया था। कड़ी पूछताछ के दौरान देवीलाल ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
इसलिए कर दी हत्या : देवीलाल की 21 वर्षीय पुत्री मानसिक रूप से बीमार रहती है और उसे दौरे भी पड़ते हैं। मृतक गब्बूलाल ने गर्मियों के दौरान भी गोपीपुर आकर उसका उपचार किया था। वह 15 अगस्त को अपने घर बरवई से निकलकर गोपीपुर पहुंचा था। जहां उसने देवीलाल के घर जाकर उसकी पुत्री का उपचार करने का नाटक किया। इस दौरान देवीलाल अपने घर से गांव में ही कहीं चला गया और घर पर उसकी पत्नी व पुत्री थी।
गब्बूलाल ने देवीलाल की पत्नी को पानी गर्म करने और एक घंटे तक उपचार वाली जगह पर न आने के लिए कहा। इस पर देवीलाल की पत्नी ने उसे घर के मध्य में स्थित दूसरे नंबर के कमरे में जाकर उपचार करने के लिए कहा। गब्बूलाल युवती को लेकर अंदर गया और कुंडी न होने के कारण दरवाजा भीतर से अटका लिया। इस दौरान देवीलाल लौटकर आ गया उसने जब गब्बूलाल के बारे में पूछा तो उसकी पत्नी ने सारा घटनाक्रम बता दिया।
देवीलाल ने दरवाजा खोलकर देखा तो उसने गब्बूलाल को उसकी पुत्री के साथ आपत्तिजनक अवस्था में देखा। जिस पर कुपित होकर उसने फालिए के पिछले हिस्से गब्बूलाल की गर्दन पर वार कर दिए। इससे गब्बूलाल जमीन पर गिर पडा। फिर देवीलाल ने अपने बड़े भाई मदन को बुलाया। दोनों ने गब्बूलाल को घर में ही छुपा दिया और रात्रि में अवसर देखकर शव को गंगाराम पाटीदार के खेत के कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने दोनों भाइयों को हिरासत में ले लिया। एसडीओपी दिलीप जोशी के मार्गदर्शन और टीआई तिवारी के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में चौकी प्रभारी सुंदरलाल पटेल सहित पुलिसकर्मियों का योगदान रहा।