भोपाल। पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोत्तरी की तगड़ी मार अब आम आदमी पर पड़ने जा रही है। पिछले 15 दिनों में डीजल के दाम में 9 रुपए से अधिक की बढ़ोत्तरी के साथ मध्यप्रदेश में अधिकांश जिलों में डीजल के दाम 100 रुपए/लीटर पहुंच गए है। डीजल के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी के बाद अब ट्रक ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने मालभाड़ा में 20-25 फीसदी बढ़ोत्तरी करने का एलान कर दिया है।
इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि डीजल के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी के साथ-साथ ट्रकों के टायर और स्पेयर पार्टर्स के दामों में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है जिसके बाद ट्रक ऑपरेटर्स मालभाड़ा बढ़ाने के लिए मजबूर हो गए है। एसोसिएशन की बैठक में मालभाड़ा में 20-25 फीसदी बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया गया है।
वेबदुनिया से बातचीत में सीएम मुकाती इस बात को मानते है कि माल भाड़ा 20-25 फीसदी बढ़ने से आम आदमी के जेब पर सीधा बोझ पड़ेगा और इसकी रोजमर्रा की जरुरतों का सामान 30 फीसदी तक तुरंत महंगी हो जाएगी। वह कहते हैं कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी से आम आदमी का तेल निकल रहा है।
डीजल के दाम बढ़ने और मालभाड़ा बढ़ने का सीधा असर बाजार पर पड़ेगा। मालभाड़ा बढ़ने के साथ इंड्रस्टी के उपयोग में आने वाला रॉ मटेरियल महंगा हो जाएगा और बाजार में आने वाली वस्तुएं भी महंगी हो जाएगी।
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ा है। खाद्य प्रदार्थो की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई की मार से मध्यमवर्गीय परिवार की कमर टूट गई है। महंगाई का बोझ आम आदमी पर किस कदर पड़ा है इसको केवल इससे समझा जा सकता है कि एक मध्यमवर्गीय परिवार पर 10-15 हजार रुपए से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है।
कोरोना के बाद पेट्रोल के दाम दो साल में 40 रूपए लीटर बढ़ गए है। वहीं डीजल दो साल में 30 रुपए/लीटर से अधिक महंगा हो गया है। डीजल के दाम में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी होने से सब कुछ महंगा हो गया है जिसका सीधा असर आम आदमी के जेब पर पड़ा है।
मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह 'वेबदुनिया' से बातचीत में कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं जिसके चलते पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और हाल-फिलहाल पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई राहत की उम्मीद भी नहीं है।