ईओडब्ल्यू सूत्रों के अनुसार आरोपी ब्रह्मे निगम में ई प्रोक्योरमेंट सिस्टम के नोडल अधिकारी हैं और ई टेंडर मामले में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। इसके पहले इस घोटाले में 11 अप्रैल को यहां की एक निजी सॉफ्टवेयर कंपनी के 3 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था, जो अभी ईओडब्ल्यू की रिमांड पर हैं।
यहां के मानसरोवर कॉम्पलेक्स में गुरुवार को ही इस निजी कंपनी के दफ्तर पर छापा मारने के बाद हार्ड डिस्क आदि जब्त की गई है। कंपनी के तीन अधिकारियों विनय चौधरी, वरुण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर को गिरफ्तार किया गया था और इनसे पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि अब चौथे आरोपी ब्रह्मे को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
ईओडब्ल्यू ने लगभग 3 हजार करोड़ रुपए के घोटालों के मामले में 10 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की है। आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। ये मामले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी और कतिपय राजनेता भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।