UPS के विरोध में मध्यप्रदेश के कर्मचारी संगठन, डॉ. मोहन यादव सरकार कैबिनेट में जल्द दे सकती है मंजूरी

विकास सिंह

मंगलवार, 27 अगस्त 2024 (12:04 IST)
भोपाल। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार की ओर से नई पेंशन योजना यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने के एलान के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार भी जल्द ही प्रदेश में कर्मचारियों को इसको लागू कर सकती है। डॉ. मोहन यादव की सरकार की अगली कैबिनेट बैठक में प्रदेश के कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम लागू करने को मंजूरी दी जा सकती है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक इसकी तैयारी हो चुकी है और वित्त विभाग ने इसका पूरा डॉफ्ट तैयार कर लिया है। ALSO READ: नई पेंशन स्कीम UPS पर कर्मचारी संगठनों में दो फाड़, विधानसभा चुनाव फिर OPS फिर बनेगा चुनावी मुद्दा

वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में यूनीफाइड पेंशन स्कीम के एलान से पहले ही प्रदेश के कर्मचारियों की ओर से इसका विरोध शुरु हो गया है। प्रदेश में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में साफ शब्दों में कहते है कि अगर राज्य सरकार में यूपीएस को लागू करती है तो वह इसका विरोध करेंगे। वह कहते हैं  कि अगर यूपीएस की में इतनी ही अच्छाई है और भाजपा सरकार कर्मचारियों के इतनी ही हितैषी है तो क्यों नहीं ओपीएस को लागू कर देती है। उन्होंने कहा कि उन्हें ओपीएस  से कम कुछ मंजूर नहीं है।

‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि केंद्र सरकार की ओर यूपीएस लागू होने से एनपीएस के नुकसान कम हुए हैं लेकिन खत्म नहीं हुए है। केंद्र सरकार द्वारा यूपीएस के माध्यम से एनपीएस में जो परेशानी थी उसे कम की गई हैं  लेकिन केंद्र सरकार को 2005 से पहले लागू ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू करना चाहिए। वह कहते हैं कि जब केंद्र सरकार द्वारा 18.50% अपना योगदान दिया जाएगा और बहुत सारे लाभ जब यूपीएस में दिए जा रहे हैं तो सीधे-सीधे पुरानी पेंशन स्कीम ही लागू कर देने से देश के कर्मचारियों की एक बड़ी मांग पूरी होगी। वह प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम ही पूरे देश में लागू की जाए और यह मोदी की गारंटी होना चाहिए।

वहीं वह आगे कहते हैं कि अब विभागों में तीन पेंशन स्कीम लागू रहेंगी ओल्ड पेंशन स्कीम एनपीएस एवं यूपीएस कर्मचारियों के लिए बड़ा असमंजस रहेगा। केंद्र द्वारा लागू यूपीएस को डॉ. मोहन यादव राज्य सरकारें किस रूप में लागू करेंगी यह आने वाले समय में सामने आएगा। लेकिन अगर राज्य सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर ही प्रदेश में यूपीएस को लागू करती है तो कर्मचारियों की ओर से इसका विरोध किया जाएगा और इसको लेकर एक फिर कर्मचारी सड़क पर अपनी लड़ाई लडेंगे।

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