मध्यप्रदेश के 5 जिलों में बाढ़ से हाहाकार, 11 हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू,चंबल और सिंध नदी बरपा रही कहर
मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में भीषण बाढ़ के चलते हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के 5 जिले श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, भिंड और मुरैना बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। इन जिलों में बाढ़ के लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों को निकालने के लिए आर्मी, बीएसएफ, एयरफोर्स के साथ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।
11 हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू- ग्वालियर-चंबल संभाग में 1250 गांव बाढ़ से प्रभावित है। इनमें 294 गांव ज्यादा प्रभावित हैं। इन गांवों से 11,100 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं शिवपुरी के गौरा टीला गांव में बाढ़ में फंसे 13 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। बाढ़ग्रस्त जिलों में 60 राहत शिविर बनाए गए हैं जहां 12 हजार से अधिक लोगों ने शरण ली है। बाढ़ से बंद हुए श्योपुर-मुरैना मार्ग पर आवागमन फिर शुरू हो गया है। वहीं शिवपुरी और श्योपुर सड़क पर भी ट्रैफिक शुरू हो गया है।
हालात के और बिगड़ने का अंदेशा- वहीं चंबल नदी श्योपुर में खतरे के निशान से 2 मीटर, मुरैना में 6 मीटर और भिंड में 4 मीटर ऊपर बह रही है। वहीं दतिया में सिंध नहीं अपने रौद्र रुप में कहर बरपा रही है। ग्वालियर-चंबल संभाल में लगातार भारी बारिश के चलते कोटा बैराज के गेट आज शाम को खोले जाएंगे जिससे बाढ़ के हालात और विकट हो सकते है। स्थिति को देखते हुए नदियों के आसपास बसे गांवों को खाली कराकर लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बांध टूटने की सभी तरह की अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी बांध पूरी तरह सुरक्षित है और लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
श्योपुर में हालात सबसे खराब- ग्वालियर-चंबल संभाग के श्योपुर जिले में हालात सबसे अधिक खराब है। अब तक की जानकारी के मुताबिक श्योपुर में 15 हज़ार से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित हुए है और हजारों की संख्या में कच्चे मकान गिरे है।जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर से खाने के पैकेट भेजे जा रहे है। इसके साथ बाढ़ से विस्थापित हुए लोगों को सूखे राशन क पांच किलो आटा, एक किलो दाल, दो किलो चावल, एक किलो नमक और आधा लीटर तेल, हल्दी एवं लाल मिर्च की किट भी दी जा रही है।