साइबर क्राइम पुलिस सूत्रों के अनुसार भोपाल का अशोक गार्डन निवासी एक बेरोजगार युवक प्राइवेट जॉब करता है। उसने एक लिखित शिकायती आवेदन पत्र में बताया कि नौकरी की तलाश करने व नौकरी न लगने पर इंटरनेट पर रिज्यूम डाला था। करीब 1 माह बाद फरियादी के मोबाइल पर अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आया। फरियादी को एक बड़ी कंपनी की कंसल्टेंसी का नाम बताकर अज्ञात लोगों द्वारा ठग लिया गया।
साइबर क्राइम ने मामले की जांच में पाया कि एक बड़ी कंपनी के नाम पर फर्जी कंसल्टेंसी खोली गई है जिसके माध्यम से बेरोजगारों को भ्रमित कर ठगा जा रहा है। साइबर पुलिस द्वारा नोएडा, उत्तरप्रदेश जाकर कंसल्टेंसी चलाने वाले मालिक शैलेष मिश्रा से पूछताछ की गई। पूछताछ में शैलेष ने बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर बैंक खातों में पैसा डलवाना स्वीकार किया है।
पूछताछ में आरोपी शैलेष ने बताया कि वह नोएडा में सॉफ्टवेयर डेवलपर है। उसकी प्रसिद्ध जॉब पोर्टल के नाम से मिलती-जुलती कंसल्टेंसी है। आरोपी बेरोजगार लोगों को बड़ी कंपनी में नौकरी दिलाने दावा करता था और अपना टारगेट बनाकर भ्रमित कर पैसा ऐंठा करता था। आरोपी करीब 50 लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ चुका है। साइबर क्राइम पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। (वार्ता)