खरगोन दंगों का सामने आया PFI कनेक्शन, बोले BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा, हिंसा में PFI ने की फंडिग, दिल्ली दंगों से भी जुड़े थे तार
भोपाल। खरगोन में रामनवमी पर हुए हिंसक दंगे के तार अब कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) से जुड़ते हुए दिखाई दे रहे है। शुरुआती जांच में हिंसा में पीएफआई के फंडिग की बात सामने आ रही है। गौरतलब है कि पीएफआई का नाम दिल्ली दंगों में भी सामने आया था इसके साथ लगातार हिंसा के मामलों में भी पीएफआई का नाम जुड़ता आया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच फैले हिंसक दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत में जो प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की, उसमें भी इस बात का जिक्र था कि दंगे में पीएफआई का भी हाथ था। वहीं CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जब दिल्ली में दंगे हुए थे तब पीएफआई का ही नाम सामने आया था।
मध्यप्रदेश में PFI पहले से शक के घेरे-ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश में पीएफआई को लेकर सरकार के पास कोई रिपोर्ट नहीं है। पिछले साल सरकार को मिली इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक प्रदेश में कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया सक्रिय है और उससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है। इंटेलिजेंस इनपुट में सिमी के साथ पीएफई के संपर्क में आने की रिपोर्ट मिलने के बाद संगठन पर बैन लगाने की तैयारी थी। खुफिया इनपुट के मुताबिक प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 500 से अधिक सदस्य सक्रिय है।
इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक इंदौर, उज्जैन,खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, खरगोन समेत प्रदेश के कई जिलों में इंटेलिजेंस का नेटवर्क फैला है। पिछले साल में इंदौर में चूड़ी विक्रेता की पिटाई के बाद थाने का घेराव करने के मामले में पीएफआई और एसडीपीआई के शामिल होने के इनपुट मिले थे।
एसडीपीआई के मूल संगठन पीएफआई पर विभिन्न असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लंबे समय से लगते आए है। इतना ही नहीं,पीएफआई के खिलाफ आरोप यह भी हैं कि विभिन्न इस्लामी आतंकवादी समूहों के साथ उसके कथित संबंध हैं। इसके साथ संगठन के महिलाओं के लिए नेशनल वीमेंस फ्रंट, स्टूडेंट के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया भी सक्रिय है। झारखंड और केरल में इस संगठन पर बैन भी लगाया गया था।