प्रदेश की सबसे बड़ी सीमांत कृषि उपज मंडी नीमच में सोमवार को 20 हजार बोरी लहसुन, 8 हजार बोरी धनिया और 2 हजार बोरी रायड़ा की आवक के चलते मंडी जाने वाले तमाम रास्तों पर जाम लग गया। नीमच में एमपी के साथ पड़ोसी राज्य राजस्थान के जिलों से भी किसान अपनी जिंसें बेचने आते हैं।
गौरतलब है कि नीमच स्थित कृषि उपज मंडी लहसुन की देश की सबसे बड़ी उपज मंडी है, इसी कारण मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान से भी किसान अपनी उपज लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचते हैं। दरसअल मंडी पिछले 3 दिनों से शासकीय अवकाश के चलते बंद थी, जिसके कारण किसान अपनी उपज नहीं बेच पाए थे। सोमवार को जैसे ही मंडी खुलने की सूचना किसानों को मिली, तो मंडी के बाहर वाहनों की कतार लग गई।
जी हां, मंडी के बाहर जहां तक नजरें जा रही थीं, वहां तक केवल जाम ही नजर आ रहा था। सोमवार को मंडी में बंपर आवक हुई है। मंडी में आवक के चलते करीब 20 हजार बोरी लहसुन, 8 हजार बोरी धनिया व 2 हजार बोरी रायड़े की आवक हुई है, इसके अलावा मंडी में सोयाबीन, जौ, मक्का, बाजरा, अजवाइन, चना, मसूर सहित अन्य फसलों की आवक भी आवक हुई।
जिले के किसानों को इस बात का पता था कि कृषि उपज मंडी सोमवार को खुलने वाली है, इसी कारण एमपी व राजस्थान के किसान रविवार रात ही अपनी उपज लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचे और पूरी रात उपज की निगरानी की। मंडी गेट के बाहर वाहनों की कतार लगाना शुरू कर दी। सुबह होते-होते मंडी परिसर के गेट के बाहर जहां तक नजरें जा रही थीं, वहां तक केवल जाम ही देखने को मिल रहा था।
इनका कहना है : रविवार शाम से गेट के बाहर लाइन लगाकर खड़े हैं। सोमवार को भी वाहन बाहर ही खड़े हैं, कुछ वाहन अंदर लेने के बाद गेट बंद कर दिया जाता है। मुझे ऐसा लगता है कि बाहर खड़े-खड़े ही शाम हो जाएगी। लगता है अब तो मंगलवार को ही नंबर आएगा, इससे अच्छा तो मना ही कर देते तो हम आते ही नहीं।
परिसर में मंडी प्रशासन की और से खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। भूख के कारण जान निकली जा रही है। आवक इतनी हो रही है कि मंडी छोटी पड़ रही है। रविवार देर रात आए थे, अभी तक नंबर नहीं आया है। आज आवक ज्यदा है तो भाव भी कम है, हमें इस भाव में भारी नुकसान हो जाएगा। -मनोहरलाल, किसान
सीजन के चलते जाम की परेशानी तो हमेशा ही आती है। जाम का दूसरा कारण मंडी का शहर के बीच में होना भी है, बाहर जाम की ही नहीं, मंडी परिसर के अंदर भी यही स्थिति है। चुनाव के बाद नई मंडी को शुरू करने की संभावना है तो यह परेशानी भी किसानों की खत्म हो जाएगी। -संजीव श्रीवास्तव, मंडी सचिव, नीमच