19 tonnes of Union Carbide waste: मध्यप्रदेश के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक अपशिष्ट निपटान संयंत्र में भोपाल के यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) कारखाने का 337 टन कचरा खाक किए जाने के बाद राज्य की राजधानी के इस बंद पड़े कारखाने के परिसर की करीब 19 टन मिट्टी में शामिल अतिरिक्त अपशिष्ट (additional waste) भी जलकर भस्म हो चुका है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे को जिस पैकेजिंग सामग्री में पीथमपुर के संयंत्र में लाया गया था, उसका 2.22 टन अपशिष्ट अलग से निकला है। अब इस अपशिष्ट को भी नष्ट किया जा रहा है जिसमें मुख्यत: लोहे के ड्रम शामिल हैं। इन ड्रमों को नष्ट करने के लिए काटकर उच्च तापक्रम पर आग में तपाया जा रहा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि पैकेजिंग सामग्री के अपशिष्ट को नष्ट किए जाने का काम जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।
भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे को सूबे की राजधानी से करीब 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर के संयंत्र में 2 जनवरी को पहुंचाया गया था। इसके बाद पीथमपुर में कई विरोध प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने इस कचरे के निपटान से इंसानी आबादी और आबो-हवा को नुकसान की आशंका जताई थी जिसे प्रदेश सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था।
बोर्ड के मुताबिक यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे में इस बंद पड़ी इकाई के परिसर की मिट्टी, रिएक्टर अवशेष, सेविन (कीटनाशक) अवशेष, नेफ्थाल अवशेष और अर्द्ध प्रसंस्कृत अवशेष शामिल थे। बोर्ड का कहना है कि वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार इस कचरे में सेविन और नेफ्थाल रसायनों का प्रभाव पहले ही लगभग नगण्य हो चुका था। बोर्ड के मुताबिक इस कचरे में 'मिथाइल आइसोसाइनेट' गैस का कोई अस्तित्व नहीं था और इसमें किसी तरह के रेडियोधर्मी कण भी नहीं थे।(भाषा)