न्यायालय ने पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद अपने आदेश में कहा कि भले ही युवक-युवती पृथक-पृथक धर्म से वास्ता रखते हों, लेकिन उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को धार्मिक या सामाजिक आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने युगल दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ मामले में विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि ग्वारीघाट थानानांर्गत निवासी युवती के लापता होने पर उसकी मां ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि गोरा बाजार निवासी आदिल नामक युवक ने उसकी लड़की को बंधक बना रखा है। लापता युवती व युवक की ओर से भी हाईकोर्ट में पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।