अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि एनटीसीए की तकनीकी समिति ने माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,751 वर्ग किलोमीटर होगा, जिसमें 375 वर्ग किलोमीटर का कोर क्षेत्र और 1,276 वर्ग किलोमीटर का बफर क्षेत्र शामिल है। समिति ने पार्क में एक बाघ और एक बाघिन को छोड़ने को भी मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।
एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी बाघों की स्थिति: भारत में शिकारी और शिकार-2022 रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में बाघों की आबादी 785 होने का अनुमान है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके बाद कर्नाटक में 563 और उत्तराखंड में 560 बाघ हैं।
मध्यप्रदेश में कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय दुबरी, पन्ना और वीरांगना दुर्गावती राज्य में बाघ अभयारण्य हैं।