दिलीप अहिरवार का बढ़ेगा कद?-ऐसे में जब एक साल के अंदर वन विभाग में दो-दो कैबिनेट मंत्रियों की विदाई हो चुकी है तो इसका असर विभाग के कामकाज भी पड़ा है। पिछले दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत के मामले में जिस तरह वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार एक्टिव नजर आए और उन्होंने मुख्यमंत्री को पूरी जमीनी स्थिति से अवगत कराने के साथ पूरे मसले पर डैमेज कंट्रोल का काम किया है, उससे उनका प्रमोशन किया जा सकता है। ऐसे जब विधानसभा का शीतकालीन सत्र होने जा रहा है और सत्र में कांग्रेस बांधवगढ़ में हाथियों की मौत का मुद्दा जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है तब मुख्यमंत्री वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार का प्रमोशन कर सकते है। दरअसल अब तक विधानसभा में वन विभाग से जुड़े सवालों के जवाब देने की जिम्मेदारी दिलीप अहिरवार ही निभा रहे है।
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मंत्रिमंडल विस्तार की भी अटकलें- वही मध्यप्रदेश में सरकार के गठन के एक साल पूरे हो रहे है और मुख्यमंत्री मंत्रियों के फरफॉर्मेंस की समीक्षा करने जा रहे है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी लगाई जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री के पास गृह, खनिज, जनसंपर्क और नर्मदा घाटी जैसे अहम विभाग है, जबकि भाजपा के कई सीनियर विधायक मंत्री बनने की राह में है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक के साथ गोपाल भार्गव भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है।