भोपाल। मध्यप्रदेश में सोमवार से शुरु हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर कोरोना का साया मंडराने लगा है। सोमवार से शुरू हो रहे तीन दिन के शीतकालीन सत्र से पहले दो विधायकों समेत विधानसभा के 50 से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमण के चपेट में आगए है।
शनिवार को नरसिंहपुर के गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल और सिवनी के लखनादौन से विधायक योगेंद्र बाबा समेत विधानसभा के 16 और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इससे पहले शुक्रवार को 34 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब विधानसभा सत्र पर संशय के बादल मंडराने लगे है और सत्र की कार्यवाही को तीन दिन से घटाकर एक दिन का किया जा सकता है।
वहीं संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या विधानसभा के सचिवालय से जुड़े कर्मचारी और विधायक के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वहीं सत्र को लेकर सवाल पर कहा कि सरकार की कोशिश रहेगी की सत्र को नहीं टाला जाए।
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर अंतिम निर्णय सर्वदलीय बैठक में होगा। सरकार की कोशिश रहेगी कि सत्र को नहीं टाला जाए। विधानसभा सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी सहित विधायक भी #COVID19 से संक्रमित हुए है,इसको देखते हुए अब और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।@BJP4MP@INCMPpic.twitter.com/roNeLBii5b
कोविड टेस्ट के बिना एंट्री नहीं- कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते विधानसभा में प्रवेश से पहले सभी विधायकों को कोरोना रिपोर्ट दिखाना होगी,यह रिपोर्ट 3 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए विधायकों के कोरोना जांच के लिए विधानसभा परिसर में रैपिड जांच की सुविधा उपलब्ध रहेगी इसके साथ विधायक जिलों से भी अपनी कोरोना रिपोर्ट ला सकते है लेकिन तीन दिन से अधिक पुरानी रिपोर्ट मान्य नहीं होगी।
विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने विधानसभा सचिवालय को सत्र के दौरान कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करने के निर्देश दिए है। कोरोना के चलते विधानसभा सदस्यों और सचिवालय स्टॉफ के अलावा अन्य किसी का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।