संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है और मंत्री पद की शपथ लेता है तो उसको शपथ लेने के छह महीने के अंदर सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है। ऐसे में आज दोनों ही नेताओं को मंत्री बने छह महीने का समय पूरा हो रहा है और उन पर मंत्री पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया है।
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दूसरी ओर विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से दोनों ही मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। गौरतलब हैं कि सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट से और गोविंद सिंह राजपूत सागर की सुरखी सीट से उपचुनाव लड़ रहे है।