आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कमलनाथ के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इस संबंध में चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता कमलनाथ का एक महिला उम्मीदवार के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करना महिलाओं का अपमान है। आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री से इस संबंध में स्पष्टीकरण देने को भी कहा है। श्रीमती शर्मा ने कहा कि कमलनाथ का बयान गैरजिम्मेदाराना और असम्मानजनक है।
इस बीच केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कमलनाथ के बयान की निंदा की और कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझती कि गांधी परिवार एक महिला के खिलाफ अपमानजनक बयान के लिए कमलनाथ के विरुद्ध कदम उठाएगा। यह कमलनाथ हों या दिग्विजय सिंह, ये वे लोग हैं जिनके कारण गांधी परिवार के ‘घर का चूल्हा जलता है’।
श्रीमती ईरानी ने कहा कि एक महिला राजनेता के खिलाफ कमलनाथ का अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझ पा रही है हूं कि इस पर गांधी परिवार चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कमलनाथ के बयान की निंदा की।
उन्होंने कहा, कमलनाथ जी द्वारा दिया गया महिला विरोधी बयान घोर आपत्तिजनक है, दलित वर्ग की एक महिला नेता को उन्होंने जिन शब्दों का उपयोग करके अपमानित करने का प्रयत्न किया, यह कांग्रेस की दलित विरोधी और महिला विरोधी चरित्र का प्रकटीकरण है। मैं इस बयान की घोर शब्दों में निंदा करता हूं।
कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा, आज देखो किन शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है,मेरे और आपके परिवार के लिए इमरती देवी जी के लिए, दलित समाज जो जमीन से जुड़ी हुई महिला है, जो मेहनत करके सरपंच से लेकर विधायक बनी। उनके लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना आपत्तिजनक है।