बैठक में मुख्यमंत्री ने पूरी स्थिति पर नजर रखने और पोल्ट्री फॉर्म में लगातार पक्षियों के सैंपल लेने के निर्देश दिए। इसके साथ बर्ड फ्लू को देखते हुए पोल्ट्री फॉर्म के लिए अलग से दिशा निर्देश जारी करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए है। आपात बैठक में केंद्र की भेजी गई गाइडलाइन पर भी चर्चा की गई। बैठक में दक्षिण के राज्यों से मुर्गो के व्यापार पर सतत निगरानी रखने का भी फैसला किया गया है।
प्रदेश के 3 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि- प्रदेश के अब तक इंदौर, मंदसौर और आगर जिलों में कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। मंदसौर में जिला प्रशासन ने पंद्रह दिन के लिए मांसाहार की दुकानें बंद कर दी है। वहीं उज्जैन, सीहोर, देवास, गुना, शाजापुर, खरगोन और नीमच जिलों में कौओं की मौतों के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल भेज गए है। प्रदेश में अब तक चार सौ से अधिक कौओं की मौत हुई है।
मुर्गियों में नहीं मिला फ्लू का वायरस-वहीं प्रदेश में अब तक की मुर्गियों में बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। राजधानी के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीज के ऑफिसर आरके शुक्ला के मुताबिक अब तक जांच में बर्ड फ्लू के वायरस के जो स्ट्रेन सामने आ रहे है वह सामान्य तौर पर पक्षियों में ही फैलता है लेकिन अगर किसी ने संक्रमित पक्षी का कच्चा या अधपका मांस का सेवन किया तो वह व्यक्ति बीमारी की चपेट में आ सकता है। वहीं मुर्गियों और चूजों को इस वायरस से बचाने के लिए समुचति इंतजाम करने की जरूरत है।
दूसरी ओर मध्यप्रदेश पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष जोशी के मुताबिक अब तक प्रदेश में किसी भी पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू का कोई भी केस सामने नहीं आया है। वहीं बर्ड फ्लू का कोई भी असर पोल्ट्री प्रोडेक्ट पर भी नहीं पड़ा है। प्रदेश में चिकन और अंडा का कारोबार पहले की तरह चल रहा है और अभी इनके दाम में भी कोई कमी नहीं आई है।