भोपाल। सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के लिए आरक्षण की प्रक्रिया नए सिरे से मंगलवार को संपन्न हो गई है। प्रदेश में नगर पालिका ओबीसी की तीन सीटें बढ़ गई है। प्रदेश के कुल 99 नगर पालिका में पिछली बार के आरक्षण के मुताबिक 25 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थी और अब 28 सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित हो गई है। 99 नगर पालिका के पदों में 15 अनुसूचित जाति के लिए, 6 अनुसूचित जनजाति के लिए और 28 पद ओबीसी के लिए आरक्षित होंगे। इसके साथ महिलाओं के अनारक्षित 25 पद होंगे। वहीं इसके साथ 35 नवगठित नगर परिषद सहित 298 सीटों पर आरक्षण की प्रक्रिया में ओबीसी के लिए 73 सीटें, SC के लिए 48 और ST के लिए 27 नगर परिषद सीटें आरक्षित की गई।
नगर पालिका में महिला आरक्षित सीटें- बैतूल,विदिशा, राजगढ़, पिपरिया, गढ़ाकोटा,पन्ना, खरगोन, बालाघाट, नैनपुर, धर्मपुरी, मुलताई, देवरी,दतिया, गुना, चोरई, मंडीदीप, महिदपुर, बैरसिया, मुलताई,देवरी, दतिया, गुना,वारासिवनी,अमरवाड़ा, नीमच, अंबाह हैं।
नगर निगम में परिवर्तन नहीं - वहीं प्रदेश के 16 नगर निगम में नई आरक्षण व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। महापौर के लिए चुनाव 2020 में हुए आरक्षण की प्रक्रिया के अनुसार होगा।
16 नगर निगम में आरक्षण की स्थिति-भोपाल-ओबीसी (महिला), मुरैना-एससी (महिला), उज्जैन-एससी, छिंदवाड़ा-एससी, सतना–ओबीसी, रतलाम-ओबीसी, खंडवा-ओबीसी(महिला), सागर-सामान्य(महिला), बुरहानपुर सामान्य(महिला), ग्वालियर-सामान्य(महिला), देवास-सामान्य(महिला), कटनी-सामान्य(महिला), इंदौर-अनारक्षित(सामान्य), जबलपुरअनारक्षित(सामान्य), रीवा–अनारक्षित (सामान्य), सिंगरौली -अनारक्षित (सामान्य)