भोपाल। मध्यप्रदेश में नगर निगम महापौर और नगर पालिका के अध्यक्ष के चुनाव किस तरह के होंगे, इसो लेकर तस्वीर अब साफ हो गई है। लंबे सियासी उठापटक के बाद अब शिवराज सरकार ने नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से और नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला किया है।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार ने इस संबंध में अध्यादेश राजभव को भेज दिया है। अब राजभवन की मंजूरी के बाद नगरीय निकाय चुनाव को लेकर नया अध्यादेश लागू हो जाएगा। नए अध्यादेश के मुताबिक प्रदेश के 16 नगर निगम के महापौर का चुनाव सीधे जनता करेगी वहीं नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश 2000, 2005, 2010 और 2015 तक लगातार जनता ही महापौर और नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव करती थी। वहीं 2018 में कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही इसे बदलकर महापौर का चुनाव पार्षदों द्धारा किए जाने के लिए मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम में संशोधन कर दिया था।
वहीं प्रदेश के 321 नगरीय निकायों में आरक्षण का काम पूरा होने और निकाय चुनाव में महपौर और नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव कराने के फैसले के बाद अब चुनाव प्रक्रिया शुरु होने का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बादबाद 30 दिन के अंदर पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्रदेश में निकाय चुनाव दो चरणों में ईवीएम से कराएं जाएंगे।