भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के आज से शुरु हो बजट सत्र के पहले दिन फ्लोर टेस्ट क लेकर जमकर हंगामा होने के आसार है। बजट सत्र शुरु होने से पहले पूरी रात चले सियासी ड्रामे में देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल के बुलावे पर राजभवन पहुंचे। आधी रात में हुई इस मुलाकात के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट कराने के सवाल पर कहा जब हमारे विधायक बंधक है तो फलोर टेस्ट कैसे होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुमत परीक्षण कब होगा यह स्पीकर तय करेंगे जो काम स्पीकर का वो करेंगे जो काम मेरा है वो मैं करूंगा।
फ्लोर टेस्ट से डरी सरकार - दूसरी तरह सरकार के फ्लोर टेस्ट से इंकार करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि महामहिम ने निर्देश हैं कि अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट करवाया जाए औ अब मुख्यमंत्री बड़ी मासूमियत से कह रहे हैं कि यह मेरा काम नहीं है यह स्पीकर का काम है। उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि सदन में कौन सा बिजनेस चलेगा यह सरकार तय करती है और जो कामकाज सरकार तय करती है उसे पूरा करवाने की जिम्मेदारी स्पीकर की होती है। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पमत है इसलिए मुख्यमंत्री इधर उधर की बात न करके सीधे आज ही फ्लोर टेस्ट करवाए।
सियासी गहमागहमी के बीच आज से शुरु हो रहे बजट सत्र के पहले दिन सदन की कार्यसूची में केवल राज्यपाल के अभिभाषण और उस पर धन्यवाद प्रस्ताव का उल्लेख है। कार्यसूची में विश्वास मत का कोई जिक्र नहीं होने के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या सदन राज्यपाल के संदेश पर विचार करेगा या नहीं। कार्यसूची में विश्वास मत का जिक्र नहीं होने से इतना तय है कि आज सदन में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष के बीच सीधा टकराव देखने को मिलेगा।