नई दिल्ली। ऐसे समय जब भाजपा शासित राजस्थान, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र ने संकटग्रस्त किसानों के ऋण माफ करने की घोषणा की है, तब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी संभावना से साफ इंकार किया है।
मुख्यमंत्री यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भावांतर भुगतान योजना में कुछ बदलाव करने के बारे में चर्चा करने आए थे। यह योजना किसानों को उनकी उपज के बाज़ार मूल्य एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर के बराबर राशि के भुगतान के बारे में है। चौहान इस योजना में नया बदलाव यह करना चाहते हैं कि कृषि उपज का मूल्य स्थिर होने तक चार माह तक उसके भंडारण का व्यय भी सरकार वहन करेगी।
चौहान ने कहा कि नई योजना में यदि किसानों को तुरंत पैसे की जरूरत है तो वे भंडारगृह में रखी उपज के मूल्य के 25 प्रतिशत के बराबर राशि बैंकों के माध्यम से एडवांस ले सकेंगे। जैसे ही मूल्य स्थिर होते हैं, किसान अपनी उपज बेचकर सबसे पहले 25 प्रतिशत एडवांस राशि को वापस करेंगे और जो भी ब्याज लगेगा, उसे सरकार वहन करेगी।
पिछले साल राज्य के किसानों को आलू, प्याज और टमाटर तथा दूध की ज़्यादा पैदावार होने पर अच्छे दाम नहीं मिलने के कारण फेंकना पड़ा था। चौहान ने सड़क परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात की और उनसे केन-बेतवा लिंक और भारतमाला सड़क परियोजनाओं को लेकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश को इंदौर एवं भोपाल के बीच एक एक्सप्रेस वे मिला है। (वार्ता)