वित्त मंत्रालय के अधिकारी भले ही दावा करें कि उनके पास माल्या को विभिन्न बैंकों द्वारा दिये गए कर्ज या इन कर्ज के बदले में माल्या द्वारा दी गई गारंटी के बारे में सूचना नहीं है, लेकिन मंत्रालय ने अतीत में इस संबंध में सवालों का संसद में जवाब दिया था।
उन्होंने कहा था, 'साल 2009 में 8040 करोड़ रुपए के कर्ज को एनपीए घोषित किया गया और 2010 में एनपीए को रिस्ट्रक्चर किया गया।' गंगवार ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था, 'पीएसबी ने जैसा रिपोर्ट किया, कर्ज अदायगी में चूक करने वाले कर्जदार विजय माल्या की जब्त की गई संपत्तियों की मेगा ऑनलाइन नीलामी के जरिये बिक्री करके 155 करोड़ रुपए की रकम वसूल की गई है।'