भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव की तारीखों के एलान से पहले शिवराज सरकार ने बड़ा सियासी दांव चला है। प्रदेश में सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ा एलान करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी अब सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों को दी जाएगी। मध्यप्रदेश के संसाधन प्रदेश के बच्चों के लिए हो,इसके लिए सरकार जरूरी कानून प्रावधान करने जा रही है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस एलान के थोड़ी देर बाद अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे प्यारे भांजे-भांजियों! आज से मध्यप्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्यप्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियाँ सिर्फ मध्यप्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है
वहीं दूसरे ट्वीट में मुख्यमंत्री ने बिना कांग्रेस का नाम लिए तंज कसते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहाँ का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बड़ा एलान ऐसे समय किया है जब प्रदेश में उपचुनाव की सियासी पारा अब चढ़ने लगा है और चुनाव आयोग कभी भी प्रदेश में चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। गौरतलब है 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में बेरोजगारी भत्ते का एलान किया था, लेकिन पंद्रह महीने के अपने कार्यकाल में कांग्रेस सरकार अपने इस वचन को पूरा नहीं कर पाई थी, जिसको लेकर भाजपा लंबे समय से कांग्रेस के प्रति हमलावर है।
वहीं शिवराज सरकार के इस ऐलान पर कांग्रेस ने तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस की तरफ से ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में जो जीरो नौकरी है वह मध्यप्रदेश के युवाओं को दी जायेगी। कोरोनाकाल में जब लंबे समय तक चलने वाले लॉकडाउन के कारण पहले ही बड़ी संख्या में युवाओं को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है और उपचुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनने जा रही है उससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौकरियों में आरक्षण का दांव चलकर एक तीर से बहुत कुछ साधने की कोशिश की है।