इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने धार जिले में 4 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मुजरिम को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति एसके अवस्थी की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था। यह फैसला बृहस्पतिवार को सुनाया गया।
सरकारी वकील भुवन गौतम ने बताया कि उच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के तर्कों से सहमत होते हुए मामले के मुजरिम करण (19) को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा की पुष्टि की है। इसके साथ ही, निचली अदालत के इस निर्णय के खिलाफ मुजरिम की ओर से दायर अपील खारिज कर दी गई है।
करण को धार जिले की एक अदालत ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में 17 मई को संबद्ध कानूनों के तहत दोषी ठहराया था और उसे मृत्युदंड सुनाया था। करण ने 15 दिसंबर 2017 की शाम को बच्ची का उसके घर के बाहर से अपहरण कर किया था। सुनसान जगह पर बलात्कार के बाद उसने बच्ची के सिर पर पत्थर से वार कर उसकी हत्या कर दी थी। (भाषा)